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बीबीएयू को इसलिए मिला आईएसओ 14001 सर्टिफिकेट, आप भी जानें

राजधानी लखनऊ के बीबीएयू के कोर ग्रीन ग्रुप ने ग्रीन ऑडिट रिपोर्ट पेश की है. विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय ग्रीन बिल्डिंग मानकों के साथ आईएसओ 14001 प्रमाणित परिसर का गौरव प्राप्त हुआ है.

बीबीएयू को मिला आईएसओ 14001 सर्टिफिकेट
बीबीएयू को मिला आईएसओ 14001 सर्टिफिकेट

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Published : Nov 4, 2020, 10:44 PM IST

लखनऊ: बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के कोर ग्रीन ग्रुप ने ग्रीन ऑडिट रिपोर्ट पेश की है. विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय ग्रीन बिल्डिंग मानकों के साथ आईएसओ 14001 प्रमाणित परिसर का गौरव प्राप्त हुआ है. यह ऑडिट एक स्वतंत्र पर्यावरण मूल्यांकन एजेंसी परामर्श ने किया है. यह ग्रीन ऑडिट विश्वविद्यालय प्रबंधन को ग्रीन कैंपस, अपशिष्ट प्रबंधन, जल प्रबंधन और ऊर्जा प्रबंधन पर केंद्रित था.

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए ग्रीन ऑडिट एक साधन है यह निर्धारित करने का कि हम सबसे अधिक ऊर्जा या पानी या अन्य संसाधनों का उपयोग कैसे और कहां कर रहे हैं. इसके आधार पर विश्वविद्यालय विचार कर सकता है कि आगे क्या परिवर्तन करने जरूरी हैं और उसे कैसे लागू किया जाए, जिससे कि बचत की जा सके. उन्होंने कहा कि इसके द्वारा बेहतर स्वास्थ्य परिसर में पर्यावरण जागरूकता, मूल्यों और नैतिकता को बढ़ावा दे सकता है.

उच्च शैक्षणिक संस्थानों के लिए अनिवार्य है ग्रीन ऑडिट
पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एनके अरोड़ा ने कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद, नई दिल्ली ने सभी उच्च शैक्षणिक संस्थानों के लिए ग्रीन ऑडिट करना अनिवार्य कर दिया है. यह सभी उच्च शैक्षणिक संस्थानों के कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) का हिस्सा है. कोर ग्रीन ग्रुप के संयोजक, डॉ. वेंकटेश दत्ता ने कहा कि विश्वविद्यालय का क्षेत्रफल लगभग 8% के बिल्ट-अप क्षेत्र के साथ लगभग 251 एकड़ में फैला है. परिसर के 77% क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट और खुले क्षेत्र की हिस्सेदारी है. विश्वविद्यालय कार्बन और जल तटस्थ भी है.

पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाया कदम
समिति के अध्यक्ष प्रो.आरपी सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय ने पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता के लिए ग्रीन कैंपस प्रणाली को अपनाया है. इसका मुख्य उद्देश्य शून्य पर्यावरण पदचिह्न, लोगों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव और स्नातक स्तर पर 100 प्रतिशत प्रदर्शनकारी पर्यावरणीय साक्षरता है. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हम कार्बन उत्सर्जन को कम कर ऊर्जा और जल का नियंत्रित उपयोग करें और एक ऐसा वातावरण बनाएं जहां छात्र सीखने के साथ ही बेहतर स्वास्थ्य प्राप्त कर सकें.

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