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परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को फुल पैंट व शर्ट पहनना अनिवार्य, डेंगू, मलेरिया से बचाव के लिए किया गया आदेश - Order of Director of Basic Education

सरकार ने डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए सभी परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को फुल पैंट व शर्ट पहन कर स्कूल आने का निर्देश जारी किया है. साथ ही स्कूलों में साफ सफाई और बच्चों में जागरूकता फैलाने का कहा है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 22, 2023, 6:43 PM IST

लखनऊ : डेंगू और मलेरिया के मरीजों को बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को फुल पैंट व शर्ट पहनकर स्कूल आने का निर्देश जारी किया है. सरकार ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को फुल पैंट शर्ट में आने के लिए प्रोत्साहित करें. साथ ही विद्यालय परिसर में पानी का जमाव न हो, मच्छरों से बचाव के लिए पूरे विद्यालय परिसर में फागिंग कराई जाए. साथ ही अध्यापक के माध्यम से छात्रों को डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए जागरूक किया जाए.

मुख्यमंत्री कार्यालय से मिले आदेश के बाद बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव की ओर से सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देश भेज दिए गए हैं. निदेशक ने अपने पत्र में कहा है कि सभी प्राथमिक विद्यालयों में तीन अक्टूबर से शुरू हो रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान में बेसिक शिक्षा विभाग भी अपनी सक्रिय भूमिका निभाए. पत्र में कहा गया है कि परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को निर्देश दिए जाएं कि वह विद्यालय फुल पैंट शर्ट पहनकर ही विद्यालय आएं. विद्यालय में अधिक संख्या में छात्र-छात्राएं बुखार से पीड़ित हों तो पास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सूचित करें. साथ ही वहां के डॉक्टर को बुलाकर बच्चों की जांच और उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित कराएं.



प्रत्येक विद्यालय में बनाए जाएं नोडल अध्यापक :निदेशक ने अपने पत्र में सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सभी प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति ध्यान रखने के साथ ही उनमें डेंगू मलेरिया व चिकनगुनिया जैसे बीमारियों के प्रति जागरूकता लाने के लिए एक नोडल अध्यापक नियुक्त किया जाए. इस स्वास्थ्य नोडल अध्यापक समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग से समन्वय कर बीमारियों से बचाव के उपाय भी बताए. साथ ही विभिन्न कक्षाओं में शिक्षक वाट्सएप ग्रुप बनाकर अभिभावकों को उससे जोड़ें और समय-समय पर उन्हें जागरूक करने के लिए वीडियो भेजें.

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