लखनऊ :बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा 1 से 8 तक के विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को अब प्राइवेट स्कूलों के तर्ज पर उनका असेसमेंट किया जाएगा. विभाग अगले शैक्षणिक सत्र से अपने बच्चों के पूरे रिपोर्ट कार्ड को नए तरीके से तैयार कर रहा है. परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों का अब होलिस्टिक आधार पर तैयार रिपोर्ट कार्ड दिया जाएगा. इसमें अंक की जगह अब स्टार मिलेंगे. तो वहीं, बड़ी कक्षा के छात्रों का तार्किकता, अभिरुचि और कौशल के आधार पर उनका मूल्यांकन होगा. जो टोटल लर्निंग आउटकम आधारित होगा. साथ ही यह प्रोग्रेस रिपोर्ट कार्ड में शिक्षक और छात्र के माता-पिता के साथ छात्र द्वारा भी खुद का आकलन किया जाएगा. नई शिक्षा नीति के तहत राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने इसे तैयार किया है.
होलिस्टिक प्रोग्रेस रिपोर्ट कार्ड का प्रारूप. यूपी की प्राथमिक शिक्षा में होगा सुधार.
6 महीने के रिसर्च के बाद तैयार हुआ रिपोर्ट कार्ड :बेसिक शिक्षा परिषद अधिकारियों ने बताया कि कार्ड को 6 महीने की कड़ी मेहनत के बाद सैकड़ों शिक्षकों की मदद से तैयार किया गया है. प्रोग्रेस कार्ड की मदद से छात्र के कौशल को निखारने में मदद मिलेगी. प्रतिवर्ष होने वाले स्व आकलन से छात्र की रुचि, कौशल और मनपसंद विषय की जानकारी मिलेगी, जिसके आधार पर छात्र को निखारा जा सकेगा. कक्षा 1 से ही यह शुरू हो जाएगा और कक्षा 6 से छात्र स्वयं ये बताएगा कि उसे क्या बनना है. इस आधार पर छात्र को उस दिशा में तैयार करने में मदद मिलेगी.
यूपी की प्राथमिक शिक्षा में होगा सुधार. होलिस्टिक प्रोग्रेस रिपोर्ट कार्ड का प्रारूप. यूपी की प्राथमिक शिक्षा में होगा सुधार.
अगले सत्र से साल में दो बार भरेंगे प्रोग्रेस रिपोर्ट :बेसिक शिक्षा परिषद अधिकारियों ने बताया कि यह किसी भी छात्र के एक साल का समग्र प्रगति पत्र होगा. इसमें विद्यालय की जानकारी के साथ छात्र की फोटो, माता-पिता की जानकारी, यूनिक आईडी और समस्त जानकारी दर्ज होगी. सितंबर और फरवरी महीने में इसमें प्रोग्रेस अंकित होगी. शिक्षक और छात्र इसे मिलकर भरेंगे. वहीं, प्रवेश पर छात्र की लंबाई और वजन का आकलन होगा, फिर जनवरी महीने में यह दोबारा भरा जाएगा. कार्ड में कक्षा 1 व 2 के स्टूडेंट्स संज्ञानात्मक पक्ष में स्वच्छता, स्वास्थ्य, सामाजिक एवं स्व जागरूकता, कलात्मक अभिरूचि एवं कौशल, अभिवृत्तियां एवं व्यवहार पर आकलन होगा. विषय आधारित आकलन में हिन्दी, गणित और अंग्रेजी में स्टार दिए जाएंगे. कक्षा 3 से 8 तक हिन्दी, गणित, अंग्रेजी के साथ पर्यावरण अध्ययन, सामाजिक विषय एवं विज्ञान आधार पर भी आकलन होगा.
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