लखनऊ : बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से शिक्षकों की पदोन्नति (Promotion of Basic Teachers) के लिए 22 नवंबर की डेट तय की गई है. प्रदेश के सभी 1.51 लाख से अधिक परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत 5 लाख से अधिक शिक्षकों के पदोन्नति की प्रक्रिया को पूरा किया जाना है. पदोन्नति से पहले सभी शिक्षकों के गोपनीय आख्या रिपोर्ट खंड शिक्षा अधिकारियों की तरफ से सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भेजी जानी है. इसके बाद शिक्षकों के पदोन्नति का रिकॉर्ड विभाग के पोर्टल पर अपलोड होगा. शिक्षकों की यह गोपनीय आख्या बनाने की जिम्मेदारी सभी विकासखंडों के बीईओ की होती है. राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां खंड शिक्षा अधिकारी खुद रिपोर्ट न बनाकर संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापक या फिर वहां के सीनियर शिक्षक से यह रिपोर्ट बनवाकर मंगवा रहे हैं. इसको लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ की तरफ से लगातार विभाग को आपत्ति भेजी जा रही है.
गोपनीय आख्या रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारियों की :प्राथमिक शिक्षक एवं स्नातक एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय सिंह ने बताया कि गोपनीय आख्या रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारियों की होती है. पर प्रदेश के सभी खंड शिक्षा अधिकारी अपनी इस जिम्मेदारी को खुद निर्वाह नहीं करते हैं. इसके उलट वह इस काम की जिम्मेदारी विद्यालय के प्रधानाध्यापक को सौंप देते हैं अगर वहां पर प्रधानाध्यापक नहीं है तो जो सीनियर टीचर विद्यालय की जिम्मेदारी संभाल रहा होता है उसे गोपनीय आख्या रिपोर्ट मंगवाते हैं. ऐसे में कई बार देखने को यह मिला है कि विद्यालयों में शिक्षकों के बीच चल रही आपसी तनातनी के कारण कई बार रिपोर्ट गलत प्रस्तुत होती है. इस साल भी स्थानांतरण से पहले विभाग में व्यवस्था सूची जारी होनी थी, पर खंड शिक्षा अधिकारियों की लापरवाही और विद्यालय स्तर पर तैयार की गई गोपनीय रिपोर्ट के कारण लगातार आपत्तियां शिक्षकों की तरफ से दर्ज होती रहीं. जिसके कारण करीब 6 महीने तक स्थानांतरण की प्रक्रिया प्रभावित रही. अब सरकार ने अगले साल स्थानांतरण से पहले सभी विद्यालयों की व्यवस्था सूची जारी करने के लिए 22 नवंबर की डेट की है. खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा फिर से वही पुराना रवैया अपनाया जा रहा है.