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Basic Education : दो कमरों में चार साल से एक शिक्षिका के सहारे पढ़ रहे कक्षा पांच तक के बच्चे - UP Education News

राजधानी लखनऊ और यहां बेसिक विद्यालयों को स्मार्ट बनाने का काम फिलहाल फाइलों में है. अब तक न तो सिटी स्मार्ट बन सकी है और न यहां के प्राथमिक विद्यालयों का कायाकल्प हो सका. शहर के कई विद्यालय खंडहर हो चुके हैं और नौनिहाल इन्हीं में खतरे के साये में पढ़ाई करने को मजूबर हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 9, 2023, 2:11 PM IST

राजधानी लखनऊ के विद्यालय बदहाल. देखें खबर


लखनऊ :बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन आने वाले प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विभाग की ओर से कायाकल्प प्रोजेक्ट सहित कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. इसके माध्यम से बेसिक शिक्षा परिषद के बदहाल हो चुके विद्यालयों की स्थिति में सुधार के लिए लगातार काम किया जा रहा है. विभाग का दावा है कि प्रदेश के सभी जिलों में कहीं भी खस्ताहाल विद्यालय नहीं है. जो भी विद्यालय खराब हैं उन्हें लगातार मेंटेन कराया जा रहा है. दूसरी तरफ प्रदेश के दूसरे जिलों की बात तो अलग राजधानी के ही प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति बद से बदतर हालत में पहुंच गई है.

राजधानी लखनऊ के विद्यालय बदहाल.
राजधानी लखनऊ के विद्यालय बदहाल.



नगर क्षेत्र के जोन-3 के फतेहगंज प्राथमिक विद्यालय में आठ कमरे हैं. इनमें छह कमरे पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं दो की तो छत भी नहीं है. विद्यालय वर्ष 1919 में स्थापित हुआ था. हालत यह है कि कक्षा 1 से 5 तक की कक्षाएं दो कमरों में सिमट चुकी हैं. विद्यालय में एक शिक्षिका हैं जो कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को एक साथ पढ़ाती हैं. विद्यालय की इंचार्ज प्रधानाध्यापिका के पास अपना कमरा तक नहीं है. अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय के सभी कमरों की छतें जर्जर हैं. इसको लेकर कई बार अधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया गया. विद्यालय में मात्र तीन कमरे हैं. जिसमें एक कमरा आंगनबाड़ी के लिए आरक्षित कर दिया गया है. ऐसे में दो कमरों में कक्षा पांच तक ही क्लास लगती है. वह सिर्फ एक शिक्षिका के सहारे है. यह हाल चार साल से है.

राजधानी लखनऊ के विद्यालय बदहाल.


अमीनाबाद प्राथमिक विद्यालय भी बदहाल :अमीनाबाद क्षेत्र में स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय का मुख्य गेट ही बदहाल है. विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों का कहना है कि विद्यालय के मुख्य गेट पर कूड़े का अंबार है. नगर निगम की गाड़ी जब कूड़ा उठाने आती है तो वह विद्यालय के गेट से ऊंची होती है. जिस कारण जब कूड़ा गाड़ी में उठाकर डाला जाता है तो सारी गंदगी विद्यालय के गेट पर आ जाती है. ऐसे में जब तक विद्यालय के गेट को धुल कर साफ नहीं किया जाता. तब तक उसे खुले हाथों से खोलना संभव नहीं है. यह एक कंपोजिट विद्यालय है पर कक्षा 1 से 5 तक की बिल्डिंग पूरी तरह से ध्वस्त है. इसके निर्माण का टेंडर कई साल पहले जारी हुआ था पर वह अब तक बन नहीं पाया है. ऐसे में 6 से आठवीं कक्षा के लिए बने कमरों में ही एक से पांच तक की कक्षाएं भी संचालित होती हैं. साथ ही प्राथमिक विद्यालय का पूरा मलबा आज भी विद्यालय परिसर में मौजूद है.विद्यालय को पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने गोद भी ले रखा है. इसके बावजूद बदहाल स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है.


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