लखनऊ :बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन आने वाले प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विभाग की ओर से कायाकल्प प्रोजेक्ट सहित कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. इसके माध्यम से बेसिक शिक्षा परिषद के बदहाल हो चुके विद्यालयों की स्थिति में सुधार के लिए लगातार काम किया जा रहा है. विभाग का दावा है कि प्रदेश के सभी जिलों में कहीं भी खस्ताहाल विद्यालय नहीं है. जो भी विद्यालय खराब हैं उन्हें लगातार मेंटेन कराया जा रहा है. दूसरी तरफ प्रदेश के दूसरे जिलों की बात तो अलग राजधानी के ही प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति बद से बदतर हालत में पहुंच गई है.
नगर क्षेत्र के जोन-3 के फतेहगंज प्राथमिक विद्यालय में आठ कमरे हैं. इनमें छह कमरे पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं दो की तो छत भी नहीं है. विद्यालय वर्ष 1919 में स्थापित हुआ था. हालत यह है कि कक्षा 1 से 5 तक की कक्षाएं दो कमरों में सिमट चुकी हैं. विद्यालय में एक शिक्षिका हैं जो कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को एक साथ पढ़ाती हैं. विद्यालय की इंचार्ज प्रधानाध्यापिका के पास अपना कमरा तक नहीं है. अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय के सभी कमरों की छतें जर्जर हैं. इसको लेकर कई बार अधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया गया. विद्यालय में मात्र तीन कमरे हैं. जिसमें एक कमरा आंगनबाड़ी के लिए आरक्षित कर दिया गया है. ऐसे में दो कमरों में कक्षा पांच तक ही क्लास लगती है. वह सिर्फ एक शिक्षिका के सहारे है. यह हाल चार साल से है.