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बड़वानी के कोरोना वॉरियर्स: कलेक्टर पति और ASP पत्नी मिलकर संभाल रहे जिले की कमान

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच प्रशासनिक अधिकारी एक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के कलेक्टर अमित तोमर और उनकी एएसपी पत्नी सुनीता जिले में कोरोना वॉरियर्स बनाकर अपना काम कर रहे हैं. जिससे अब जिले में कोरोना के मरीजों की संख्या कम हो गई है.

collector amit tomar and wife asp sunita rawat
बड़वानी के कोरोना वॉरियर्स.

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Published : May 5, 2020, 8:13 PM IST

बड़वानी: जिले में कोरोना से निपटने के लिए कोरोना वॉरियर्स लगातार कोशिश कर रहे हैं. बड़वानी जिले के कलेक्टर अमित तोमर और उनकी पत्नी एएसपी सुनीता रावत कंधे से कंधा मिलाकर कोरोना वायरस की जंग में मोर्चा संभाले हुए हैं. पत्नी एक ओर जहां महाराष्ट्र बॉर्डर पर महाराष्ट्र से आ रहे हजारों मजदूरों की जिम्मेदारी संभाल रही हैं तो कलेक्टर अमित तोमर भी जिले की गतिविधियों पर सतत नजर रखे हुए हैं. ईटीवी भारत ने कलेक्टर अमित तोमर से खास बातचीत करते हुए जिले की व्यवस्थाओं पर चर्चा की.

बड़वानी कलेक्टर से बातचीत करते संवाददाता.

कलेक्टर अमित तोमर ने कहा कि बड़वानी जिले में कोरोना के 26 पॉजिटिव मरीज मिले थे, जिनमें से 23 मरीज ठीक होकर अपने घर लौट चुके हैं. जबकि बाकी बचे 3 मरीज भी जल्द ठीक हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी सतर्कता से लॉकडाउन का पालन कराने में जुटा हुआ है, जिससे जिले में कोरोना का संक्रमण पूरी तरह से कम हो गया है.

पत्नी भी दे रहीं पूरा साथ
कलेक्टर अमित तोमर ने कहा कि उनकी एएसपी पत्नी भी उनका पूरा साथ दे रही हैं. वो लगातार बिजासन-महाराष्ट्र बॉर्डर से आ रहे मजदूरों की देखरेख में है. उन्हें जब भी जरूरत पड़ती है वो उनके पास पहुंचते हैं. पिछले दिनों मजदूरों की काफी भीड़ जमा हो गई थी. तब दोनों पति-पत्नी ने मिलकर मजदूरों को समझाया और स्थिति को काबू किया.

कलेक्टर पति और ASP पत्नी मजदूरों को समझाते हुए.

मजदूरों को भेजा जा रहा घर
बड़वानी जिला में महाराष्ट्र से हजारों की संख्या में मजदूरों का आना-जाना जारी है, जिससे प्रशासन पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है. कलेक्टर ने बताया कि समाजसेवी संस्थाएं, जनप्रतिनिधि और सरकारी स्तर पर हर दिन 10 हजार से अधिक लोगों को दोनों समय का भोजन और समुचित सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. जबकि मजदूरों को उनके घर भेजने का काम भी जारी है.

कलेक्टर का कहना है कि परिश्रम से ही सफलता मिलती है, जिसका परिणाम आज जिले में देखने को मिल रहा है. काफी दिनों से कोई नया कोरोना का मामला सामने नहीं आया है. जबकि जो मरीज अस्पताल में है, वो भी घर जाने की कगार पर हैं.

दोनों पति-पत्नी मिलकर संभाल रहे मोर्चा.

सतत प्रशासनिक बैठकों और दौरों के चलते एहतियातन कलेक्टर ने अपना मेडिकल चेकअप भी करवाया है. जबकि कुछ दिनों से खुद को होम क्वारंटाइन भी किए हुए थे. लेकिन जैसे ही उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई, वो फिर काम पर लौट गए.

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