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सिविल में भर्ती बाराबंकी के सफाई कर्मी ने तोड़ा दम - civil hospital of lucknow

यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित सिविल अस्पताल में भर्ती बाराबंकी के सफाई कर्मी असलम ने गुरुवार की देर शाम को दम तोड़ दिया. स्थानांतरण से नाराज बुढनापुर ग्राम पंचायत में तैनात सफाई कर्मचारी असलम ने बीते माह 27 फरवरी को बाइक से पेट्रोल निकालकर एडीओ पंचायत के सामने अपने ऊपर उड़ेल कर लाइटर से आग लगा ली थी.

सिविल अस्पताल.
सिविल अस्पताल.

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Published : Mar 5, 2021, 2:00 AM IST

लखनऊ: सिविल अस्पताल में भर्ती बाराबंकी के सफाई कर्मी असलम ने गुरुवार की देर शाम को दम तोड़ दिया. स्थानांतरण से नाराज बुढनापुर ग्राम पंचायत में तैनात सफाई कर्मचारी असलम ने बीते माह 27 फरवरी को बाइक से पेट्रोल निकालकर एडीओ पंचायत के सामने अपने ऊपर उड़ेल कर लाइटर से आग लगा ली थी. मुख्य विकास अधिकारी ने बाराबंकी व हैदरगढ़ एडीओ पंचायत सहित वीडियो से जांच शुरू कराई थी.

दर्ज कराया जाएगा मुकदमा
मृतक की पत्नी सलीमा ने बताया कि उसके दो पुत्र सानू और अरमान है. सलीमा ने आरोप लगाया कि उसके पति की जान एडीओ पंचायत, डीपीआरओ और पटल सहायक की वजह से गई है. इन तीनों के खिलाफ थाने में तहरीर दी जाएगी. जिसके साथ ही पुलिस से न्याय पाने के लिए मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.

बाराबंकी लोनी कटरा थाना क्षेत्र के ललई खेड़ा गांव के असलम पुत्र गुलाम अली बुढनापुर ग्राम पंचायत में सफाई कर्मचारी पद पर तैनात थे. 27 फरवरी को एडीओ पंचायत कार्यालय पहुंचने पर एडीओ पंचायत प्रमोद श्रीवास्तव ने उसे बुढनापुर से भीलवल पंचायत में किए जाने की जानकारी दी.

इलाज के दौरान मौत
वहीं, स्थानांतरण पत्र मिलते ही असलम ने बाइक से पेट्रोल निकालकर एडीओ पंचायत के सामने जा पहुंचा. उसके बाद उसने अपने ऊपर पेट्रोल उड़ेल कर लाइटर से आग लगा ली. प्राथमिक उपचार के बाद उसे लखनऊ स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल भेजा गया था. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.

मृतक के भाई अलताफ ने बताया कि उसके भाई असलम का एडीओ पंचायत और जिला पंचायत राज अधिकारी की मिलीभगत से चार बार तबादला किया गया है. तबादला रुकवाने के लिए हर बार उससे 20 हजार रुपये लिए जा रहे थे. इस बार आर्थिक तंगी ज्यादा थी और पैसा न दे पाने की स्थिति भी बनी हुई थी. विभागीय उत्पीड़न की वजह से उसके भाई ने अपनी जान दे दी है.

सफाई कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष विनोद वर्मा का कहना है कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए. जो जांच चल रही थी वह भी सही थी. उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय अधिकारियों से जांच नहीं कराई जा रही थी. इस मामले पर विभागीय अधिकारियों को भी लगा दिया गया था. ऐसा लग रहा था कि जांच को प्रभावित किया जा रहा है.

वहीं, डीपीआरओ रणविजय सिंह ने बताया कि सफाई कर्मचारी की मौत हो गई है. मामले में एडीओ पंचायत पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि एडीओ पंचायत के तबादले से संबंधित प्रस्ताव जिले पर भेजते हैं.

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