लखनऊ:सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों को निजीकरण करने की केन्द्र सरकार के प्रयासों के विरोध में आज से दो दिवसीय बैंक हड़ताल राजधानी लखनऊ में शुरू होगी. हड़ताल यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के संयुक्त तत्वावधान में की जा रही है. नेशनल कन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्पलाइज के प्रदेश महामंत्री अखिलेश मोहन ने जारी बयान में कहा कि केन्द्र सरकार बैंको का निजीकरण कर पूंजीपतियों के हाथों में सौपने की साजिश रच रही है, लेकिन बैंक कर्मियों के विरोध के चलते वह सफल नहीं हो पाई है.
अखिलेश मोहन ने कहा कि अटल पेन्शन योजना, नोटबन्दी, मनरेगा, आधार कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड, बीमा आदि योजनाएं केवल राष्ट्रीयकृत बैंकों के बैंक कर्मियों की दक्षता की वजह से सफल हो पाईं हैं. उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार के इन कुत्सित प्रयासों के कारण 16 एवं 17 दिसंबर को देशव्यापी हड़ताल करने को मजबूर हैं.
ऑयबाक (ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पवन कुमार ने बताया कि बैंक निजीकरण से किसानों, छोटे व्यवसायियों और कमजोर वर्गों के लिए ऋण उपलब्धता कम होगी. क्षेत्र का 60 प्रतिशत ऋण जो कि गांव, गरीब, सीमान्त किसान, गैर कॉर्पोरेट उद्यमियों, व्यक्तिगत किसान, सूक्ष्म उद्यम, स्वयं सहायता समूह तथा एस.सी./ एस.टी., कमजोर और अल्पसंख्यक वर्ग की 12 सरकारी बैंकों और उनके 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक द्वारा प्रदान किया जाता है.