लखनऊ : बलरामपुर अस्पताल में अब जल्द ही दिल के गंभीर मरीजों का भी इलाज शुरू होगा? इसके साथ ही एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी की सुविधा भी मरीजों को मुहैया कराई जाएगी. इसके लिए अस्पताल में पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप (पीपीपी) मॉडल पर कैथ लैब स्थापित की जाएगी. इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है. जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है. इसके बाद दूर दराज से आने वाले दिल के मरीजों को इधर उधर नहीं भटकना नहीं पड़ेगा.
अभी तक केजीएमयू, पीजीआई व लोहिया संस्थान में दिल के मरीजों की एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी की सुविधा है. इन अस्पतालों में प्रदेश भर से मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. ऐसे में इन अस्पतालों में मरीजों के इलाज दबाव अधिक है. मरीजों को जांच व इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. मरीजों को समय पर इलाज हासिल करने में अड़चन आ रही है. बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि दिल का दौरा पड़ने या दिल की दूसरी बीमारी से पीड़ित मरीजों को बलरामपुर अस्पताल में मिलेगा. पीपीपी मॉडल पर कैथ लैब स्थापित की जाएगी. उन्होंने बताया कि डायलिसिस यूनिट की भांति कैथ लैब का संचालन होगा. विशेषज्ञ डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ प्राइवेट संस्था के होंगे.
अस्पताल प्रशासन को स्थान बिजली, पानी समेत दूसरे संसाधन जुटाने होंगे. उन्होंने बताया कि अभी आठ बेड का कॉर्डियक आईसीयू का संचालन हो रहा है. हार्ट अटैक समेत दिल की दूसरी बीमारी का पता लगाने के लिए खून की टॉप्टी समेत जांच की सुविधा भी मरीजों को मिलेगी. इससे मेडिकल संस्थानों से मरीजों का दबाव भी कम होगा. बता दें, अभी शहरवासियों के अलावा दूर दराज से राजधानी पहुंचने वाले दिल के मरीजों को केजीएमयू, पीजीआई व लोहिया संस्थान में जगह न मिलने पर निजी अस्पतालों में इलाज करना पड़ रहा है.