किसानों के आसपास होना चाहिए बाजार, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कही यह बात. लखनऊ : कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा है कि पुष्प कृषि को सफल बनाने के लिए किसानों को बाजार भी उनके आसपास ही उपलब्ध कराना होगा. संस्थान के निदेशक एवं मिशन परियोजना से जुड़े सभी वैज्ञानिकों को किसानों को मजबूत बनाने में हर संभव कोशिश करनी होगी. ताकि हमारे किसान भाई आत्मनिर्भर बनकर देश की आवश्यकताओं को पूरा कर पाएं. मौका था कि सीएसआईआर-एनबीआरआई में दो दिवसीय पुष्प कृषि मेला एवं बोगनविलिया उत्सव के समापन का.
किसानों के आसपास होना चाहिए बाजार, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कही यह बात.
उन्होंने कहा कि देश के वैज्ञानिक संस्थानों द्वारा कृषि अनुसंधान क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यों को किसानों तक हर हाल में पहुचना ही होगा. तभी हमारे किसान भाई नई वैज्ञानिक एवं तकनीकी जानकारी से रूबरू हो पाएंगे. उन्होंने आशा जताई कि इस मिशन से ज्यादा से ज्यादा किसान भाइयों को जोड़ना सम्भव हो सकेगा, तभी उनकी उन्नति के साथ-साथ समस्त देश की उन्नति होगी. समापन समारोह में केन्द्रीय औषधीय एवं संगंध पौधा संस्थान, लखनऊ के डॉ. पीके त्रिवेदी एवं डॉ. शक्ति विनय शुक्ला, फ्रेगरेंस एंड फ्लेवर डेवलेपमेंट सेंटर, कन्नौज समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे.
किसानों के आसपास होना चाहिए बाजार, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कही यह बात. संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं पुष्प कृषि मेले के संयोजक डॉ. केजे सिंह ने बताया कि दो दिवसीय कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों के 24 कृषि समूहों से 500 से अधिक किसानों एवं कृषि उद्यमियों द्वारा भाग लिया गया. इन सभी प्रतिभागियों को 10 लाख से अधिक की संख्या में रोपण सामग्री (बल्ब एवं बीज) और सूचनापरक कृषि साहित्य का वितरण भी किया गया. जिसको वे उन्नत कृषि तरीकों के माध्यम से उगा कर लाभ उठा सकें. सभी प्रतिभागियों को विभिन्न तकनीकी सत्रों एवं कार्यशालाओं के माध्यम से पुष्प कृषि के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी प्रदान की गई. इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न कृषि समूहों से आए हुए किसानों में से 22 उन्नत किसानों को सम्मानित भी किया गया.
किसानों के आसपास होना चाहिए बाजार, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कही यह बात.
विशिष्ट अतिथि डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेद्वी ने कहा कि पुष्प कृषि के बाजार में मांग अधिक है जिसकी वजह से बाहर से फूलों का आयात करना पड़ता है, यदि किसान इस क्षेत्र में काम करें तो देश तो आत्म निर्भर बनेगा ही साथ ही किसानों को भी लाभ होगा. इससे पूर्व संस्थान के निदेशक डॉ. अजित कुमार शासनी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि संस्थान का उद्देश्य किसानों को शोध के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण कृषि सामग्री प्रदान करे ताकि उनको बाजार में अच्छा मूल्य प्राप्त हो सके.
इससे पूर्व आज के सत्र में किसानों को गेंदा की खेती पर बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविध्यालय के डॉ. कृष्ण सिंह तोमर द्वारा, रजनीगंधा की खेती पर डॉ. दया शंकर द्वारा, उपज प्रबंधन पर सीमैप के वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किये गए. इसके साथ-साथ डॉ. विजय बहादुर द्विवेदी, संयुक्त निदेशक, राज्य बागवानी बोर्ड ने विभिन्न योजनाओ पर, सुश्री कृतिका गर्खाल, नाबार्ड ने वितीय योजनाओं पर, डॉ. शक्ति विनय शुक्ल, फ्रेगरेंस एंड फ्लेवर डेवलेपमेंट सेंटर, कन्नौज, कन्नौज ने फूलों से मूल्यवर्धक उत्पाद बनाने पर किसानों के साथ चर्चा की.
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