लखनऊ :प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सत्यवीर सिंह ने रामचरित मानस की प्रतियां फाड़कर पैरों से कुचलने व जलाने के मामले में निरुद्ध अभियुक्त सत्येंद्र कुशवाहा, मोहम्मद सलीम, देवेंद्र प्रताप यादव, यशपाल सिंह व सुरेश सिंह यादव की जमानत अर्जियों को खारिज कर दिया है.
अदालत के समक्ष अभियुक्तों की ओर से दी गई अलग-अलग जमानत अर्जियों का विरोध करते हुए वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी उदय श्याम त्रिपाठी ने बताया कि 'आरोपियों सहित दस लोगों के विरुद्ध 29 जनवरी 2023 को पीजीआई थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. इस मामले में पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को भी नामजद किया गया है. जमानत अर्जियों के विरोध में कहा गया कि सभी अभियुक्तों ने पवित्र धार्मिक ग्रंथ रामचरित मानस की प्रतियों को न केवल फाड़ा बल्कि उन्हें पैरों तले कुचला एवं उन्हें जला दिया. कहा गया है कि आरोपियों के इस कृत्य से एक वर्ग विशेष की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है तथा समाज का वातावरण दूषित किया गया है. मामले के विवेचक वरिष्ठ उप निरीक्षक चंद्रभान वर्मा ने इन पांचों अभियुक्तों को गिरफ्तार करके 30 जनवरी को न्यायालय के समक्ष पेश किया था, जहां पर विवेचक के अनुरोध पर सभी को 24 घंटे के लिए पुलिस रिमांड पर दिए जाने का आदेश दिया गया था. पुलिस रिमांड के लिए किए गए अनुरोध में कहा गया था कि अभियुक्तों से यह पता लगाना है कि रामचरित मानस की प्रतियां लखनऊ के अलावा और कहां फाड़कर जलाने की योजना है व इनकी योजना में कौन-कौन लोग शामिल हैं. कहा गया था कि यह भी पता करना है कि जिस रामचरित मानस की प्रतियां बनाकर जलाया गया, उसकी मूल प्रति की बरामदगी कहां से होगी. यह भी दलील दी गई कि इस मामले में किसी बाहरी देश की एजेंसी का हाथ तो नहीं है, इस संदर्भ में भी पूछताछ की जानी है.