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महिला आरक्षण बिल पर बिफरीं मायावती, कहा- 'यह आंखों में धूल झोंकने जैसा'

मंगलवार को नई संसद में पेश किए गए महिला आरक्षण बिल को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने प्रतिक्रिया देते हुए नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि 'यह बिल आरक्षण देने की नीयत से नहीं है.'

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 20, 2023, 1:56 PM IST

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्र सरकार की तरफ से संसद में पेश किए गए महिला आरक्षण बिल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि 'यह बिल आंखों में धूल झोंकने जैसा है. यह बिल आरक्षण देने की नीयत से नहीं है. अगले 15 16 साल तक के भी लागू ही नहीं हो पाएगा. परिसीमन के बाद ही आरक्षण संभव है. सरकार का यह बिल पूरी तरह आंखों में धूल झोंकने जैसा है.'



बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि 'महिला आरक्षण में बिल्कुल भी देरी न की जाए. उन्होंने इस मांग को फिर से दोहराया कि एससी/एसटी महिलाओं को आरक्षण में आरक्षण का कोटा मिलना चाहिए. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस से सतर्क रहने की भी अपने लोगों को सलाह दी है. उन्होंने कहा कि बिल पास हो जाएगा, लेकिन तुरंत लागू हो ही नहीं सकता. ऐसे में इस बिल का अभी फिलहाल कोई फायदा मिलता नजर आ ही नहीं रहा है. बता दें कि बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने इस बिल का समर्थन तो किया है, लेकिन उन्होंने एससी और एसटी वर्ग की महिलाओं को कोटा देने की वकालत भी की है. उन्होंने कहा है कि हरहाल में इस बिल में सरकार को एससी/एसटी महिलाओं को अलग से आरक्षण देने की व्यवस्था करनी चाहिए थी. ऐसा फिलहाल अभी इस बिल में नहीं है, जिससे कहा जा सकता है कि यह बिल आरक्षण देने की नीयत से लाया ही नहीं गया है. अपने फायदे के लिए बीजेपी ने यह बिल लाया है.'

महिला आरक्षण बिल पर बिफरीं मायावती




गौरतलब है कि महिला आरक्षण बिल पर लगातार विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के अलावा महिला नेत्री भी अपनी आवाज उठा रही हैं. कांग्रेस पार्टी की नेता सोनिया गांधी ने भी इस बिल को लेकर सदन में कहा है कि 'कांग्रेस पार्टी महिला आरक्षण बिल का समर्थन करती है, लेकिन यह बिल लाया तो गया है पर लागू कब तक होगा इसके बारे में अभी कुछ भी तय नहीं है. इसमें चार साल लगेंगे, पांच साल लगेंगे या आठ साल, यह पता ही नहीं है. ऐसे में जब बिल पेश किया गया तो महिलाओं ने बड़ी खुशी जताई, लेकिन अब इस बिल से महिलाओं में मायूसी छा गई है. सरकार को जल्द से जल्द हर हाल में इस बिल को लागू करना चाहिए, जिससे सदन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी चुनकर आ सकें.'

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