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वोट की खातिर हमारे महापुरुषों की शरण में आ रहे अखिलेश : आकाश आनंद - राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती बीएसपी

बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद ने ट्वीट करके समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण के मुद्दे पर घेरा है. आनंद ने कहा है कि महापुरुषों के नाम पर रखे गए जिलों के नाम बदलने के बाद अब वोट की राजनीति करने के लिए वे हमारे ही महापुरुषों की शरण में आ रहे हैं.

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Published : Apr 4, 2023, 11:39 AM IST

Updated : Apr 4, 2023, 12:47 PM IST

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बसपा के संस्थापक कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण क्या किया. इस बात को लेकर पर बहुजन समाज पार्टी उन पर हमलावर हो गई. बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने कहा है कि सभी महापुरुषों के नाम पर रखे गए जिलों के नाम अखिलेश यादव ने अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान बदले. अब वोट की राजनीति करने के लिए वे हमारे ही महापुरुषों की शरण में आ रहे हैं. उनकी प्रतिमा का अनावरण कर रहे हैं. वोट के लिए ही अखिलेश को ये सब करना पड़ रहा है. बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के भतीजे, पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने ट्वीट कर सपा मुखिया अखिलेश यादव पर जोरदार हमला बोला.

बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद ने ट्वीट किया कि कांशीराम के नाम पर रखे जिले कांशीराम नगर का नाम बदलकर कासगंज किया. पंचशील नगर का नाम बदलकर हापुड़, ज्योतिबाफूले नगर का नाम अमरोहा, छत्रपति साहूजी महाराज नगर का नाम बदलकर गौरीगंज, माता रमाबाईनगर का नाम बदलकर कानपुर देहात, प्रबुद्धनगर का नाम बदलकर शामली. महामाया नगर का नाम बदलकर हाथरस. ऐसे ही कई और बहुजन महापुरुषों का सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपनी सरकार में अपमान किया और आज वापस सत्ता में आने के लिए आपको हमारे महापुरुष याद आ रहे हैं. अखिलेश यादव कांशीराम की प्रतिमा के अनावरण के साथ उनकी विचारधारा को भी अपनाते तो बेहतर होता. उन्होंने कहा कि बसपा के संस्थापक कांशीराम और राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के संघर्षों का ही नतीजा है कि जो लोग अब तक हमारे महापुरुषों का अपमान करते नहीं थकते थे. आज उनको भी हमारे महापुरुषों की शरण में आना पड़ रहा है. वोट की राजनीति क्या ना करा दे, लेकिन बहुजन समाज सब देख भी रहा है और सब समझ भी रहा है.


बता दें, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के नेता इन दिनों लगातार एक दूसरे पर बयानबाजी कर जोरदार प्रहार कर रहे हैं. रविवार को पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने जब वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ ही जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई तब भी उन्होंने समाजवादी पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि अगर गेस्ट हाउस कांड ना होता तो सपा बसपा देश पर राज कर रहे होते, लेकिन समाजवादी पार्टी की दलित और पिछड़ों की उपेक्षा के चलते ही ऐसा संभव नहीं हो पाया. समाजवादी पार्टी दलितों और पिछड़ों की हितैषी कभी नहीं है.

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Last Updated : Apr 4, 2023, 12:47 PM IST

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