लखनऊ : इस समय कम उम्र में ही बच्चे मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना शुरू कर रहे हैं. गेम खेलना हो, कार्टून देखना हो या फिर पढ़ाई करना हो, हर काम मोबाइल फोन पर ही हो रहा है. यही कारण है कि 15 साल की कम उम्र के बच्चों को आंखों से जुड़ी समस्याएं आ रही हैं. अस्पतालों में कई केस तो ऐसे आ रहे हैं, जिसमें बच्चों को दिखना कम (bad effect of mobile screen on eyes) हो गया है. बच्चे डॉक्टरों से बताते हैं कि उन्हें एक हाथ की दूरी पर मौजूद व्यक्ति साफ नहीं दिखाई देता, वहीं डॉक्टरों का दावा है कि लगातार स्क्रीन देखने से बच्चों की आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है.
सिविल अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ प्रेम कुमार दुबे (Ophthalmologist Dr Prem Kumar Dubey) ने बताया कि अस्पताल में रोजाना चार से पांच बच्चे ऐसे आते हैं जो 15 साल से कम होते हैं. उनकी आंखों में जलन व अन्य दिक्कतें हो रही हैं. अभिभावक बच्चों को लेकर आते हैं तो सबसे पहले शिकायत करते हैं कि बच्चा मोबाइल फोन का इस्तेमाल अधिक करता है. बच्चों को मोबाइल की लत लग रही है. पेरेंट्स को बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति खुद जागरूक होने की जरूरत है. बच्चे के सामने ना तो मोबाइल फोन का इस्तेमाल करें और न उन्हें मोबाइल फोन दें. मोबाइल स्क्रीन की लाइट बच्चों की आंखों के लिए काफी ज्यादा खतरनाक होती है.
आंखों का पानी का सूखना :उन्होंने बताया कि आमतौर पर जब हम लगातार मोबाइल स्क्रीन को देखते हैं तब हमारी पलकें कम झपकती हैं. इससे आंखों में सूखापन आने लगता है क्योंकि आंखों का पानी सूखने लगता है. इस कारण आंखों में खुजली और जलन की समस्या भी होने लगती है. इसके अलावा आंखों की पुतलियां और नसें भी सिकुड़ने लगती हैं. रोशनी के साथ-साथ सिरदर्द की समस्या भी होने लगती है.