लखनऊ : बच्चे सबसे ज्यादा मां-पिता से प्रेम करते हैं. इन दिनों सामने आ रहे एक्सट्रा मैरिटल अफेयर मामलों का असर बच्चों के लिए घातक साबित हो रहा है. पसंद ना पसंद के चलते बच्चे खुद की जान दे भी रहे हैं और जान ले भी रहे हैं. बीते कुछ महीनों में राजधानी में ही दो ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें एक बेटे ने महज इसलिए अपनी मां को गोली मार दी, क्योकि उसकी मां से मिलने कोई बाहरी व्यक्ति आता था, वहीं एक बेटे ने अपनी मां के कई लोगों के साथ अवैध संबंध होने के चलते खुद की जान ले ली.
सात जून 2022 को पीजीआई थाना अन्तर्गत 17 साल के बेटे ने अपनी मां को गोली मार दी. इतना ही नहीं वह अपनी मां की लाश के साथ तीन दिनों तक अपनी बहन के साथ रहा. पुलिस ने जब आरोपी नाबालिक से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसकी मां के संबंध एक अंकल से थे. मां-पापा से छिपकर उनसे मिलती थी और अंकल भी उनके घर पर पापा की गैर मौजूदगी में रुकते थे. बेटे ने बताया था कि उसने मां के अवैध संबंधों के बारे में अपने पिता को बताया तो उसकी मां उसे प्रताड़ित करती थी, यही वजह थी कि परेशान होकर उसने मां को गोली मार दी.
जानकारी देतीं मनोचिकित्सक डॉ दीप्ति सिंह
पीजीआई इलाके में 25 सितंबर 2022 को 17 साल के बच्चे ने आत्महत्या कर ली थी. बच्चे के पिता ने आरोप लगाया कि उसके बेटे ने अपनी मां की प्रताड़ना से क्षुब्द होकर आत्महत्या कर ली है. आरोप था कि अपनी मां के कई लोगों से अवैध सम्बंधों की जानकारी होने पर बेटे ने इसका विरोध किया था. यही नहीं वह अपने पिता को भी इसकी जानकारी देता था. इसी बात को लेकर उसकी मां उसे मारती-पिटती थी. इसी प्रताड़ना से परेशान होकर मासूम बच्चे ने मौत को गले लगा लिया.
मनोचिकित्सक डॉ. दीप्ति सिंह कहती हैं कि बच्चों का मन बहुत कोमल होता है. शुरुआत से ही उन्हें मां और बाप के प्यार की जरूरत होती है, अगर मां-बाप कहीं और व्यस्त होंगे या फिर घर में इतना टाइम नहीं दे पाते हैं तो बच्चे के दिमाग में पहले से ही घर करने लगता है. इससे उनको चाइल्डहुड डिप्रेशन होने लगता है. कभी-कभी बच्चों को मां-बाप का भरपूर प्यार ना मिलने पर वह कहीं और प्यार ढूंढते हैं.
डॉ. दीप्ति सिंह कहती हैं कि ऐसा नहीं है कि कोई भी मानसिक बीमारी एक दिन में होती है, वह धीरे-धीरे ही जड़ बनाती है. जब बच्चों के ऊपर मां-पिता का ध्यान कम हो जाता है या आपस में झगड़ा करते हैं तो वो जो देखते हैं उनका मन वैसा ही बनने लगता है. इस बात से परेशान बच्चे सॉल्यूशन ढूंढने लगते हैं. ऐसे में कई घटनाएं होती हैं, जिसमें बच्चे अपनी मां को गोली मार देते हैं या फिर अपनी जान दे रहे हैं. वो कहती हैं कि मां-पिता का एक्सट्रा मैरिटल अफेयर होता है तो बच्चों को उनके दोस्त या जानकार उन्हें यह बताते हैं कि उनकी मां या पिता किसी के साथ घूम रहे हैं तो बच्चों के दिमाग में बहुत ही गलत प्रभाव पड़ता है.
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डॉ. दीप्ति सिंह के मुताबिक, समाज बदल रहा है. हालांकि इतना तेजी से बदलना नहीं चाहिए. अपने बच्चों को प्राथमिकता पर रखकर ध्यान देना है. बच्चों को इग्नोर नहीं करना है, मां बाप कितना भी बिजी हों किसी भी लेवल पर बिजी हों उन्हें समय जरूर देना है. वो कहती हैं कि अभी हमारा समाज इतना मॉडल नहीं हुआ है जो मां-पिता का मैरिटल अफेयर बच्चे स्वीकार कर लेंगे. अभी हम पुरानी सोसाइटी में ही जी रहे हैं तो बच्चों को बहुत ध्यान देना जरूरी है.
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