उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

तहसील की तर्ज पर अब घर-घर कुंडी खटखटाएंगे आरटीओ के बाबू, लापरवाही करने पर होगी कारवाई

परिवहन विभाग के बाबू अब घर-घर जाकर वाहन स्वामियों से वाहनों पर बकाया टैक्स की वसूली करेंगे. डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने निर्देश दिए हैं कि जो भी बाबू वसूली नहीं कर पाएंगे उन पर कड़ी कार्रवाई जरूर की जाएगी.

etv bharat
परिवहन विभाग

By

Published : Jan 1, 2023, 8:57 AM IST

टैक्स वसूली के मामले में तीसरी रैंक पर लखनऊ

लखनऊः तहसील की तर्ज पर अब घर-घर जाकर आरटीओ कार्यालय के बाबू वाहनों पर बकाया टैक्स की वसूली वाहन स्वामियों से करेंगे. टैक्स बकाएदारों की कुंडी खटखटाएंगे और बकाया राजस्व वसूलकर लाएंगे. डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (deputy transport commissioner) ने सभी बाबुओं को यह टास्क दिया है. 300 वाहन स्वामियों से वसूली का शत-प्रतिशत लक्ष्य तय किया गया है. डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने साफ तौर पर निर्देश दिए हैं कि कार्यालय के बाबू चाहे फोन से या घर-घर जाकर या कैसे भी इन वाहन स्वामी से वसूली हरहाल में करें. जो भी बाबू वसूली नहीं कर पाएंगे उन पर कड़ी कार्रवाई जरूर की जाएगी.

परिवहन विभाग (transport Department) ने टैक्स बकायेदारों से वसूली के लिए पहली बार एकमुश्त समाधान योजना लांच की, लेकिन जिस उम्मीद के साथ यह ओटीएस स्कीम लाई गई थी वह उम्मीद पूरी नहीं हुई. टैक्स के बकायेदारों ने टैक्स जमा करने में खास दिलचस्पी नहीं दिखाई. विभाग ने टैक्स के बकायेदारों से वसूली के लिए कई बार प्रयास किए उनके घर पर नोटिस भेजा, जिला प्रशासन की मदद ली, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा. जो परिवहन विभाग के टैक्स डिफाल्टर थे वह अभी तक डिफाल्टर ही बने हुए हैं. इनसे टैक्स वसूल पाना परिवहन विभाग के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की ही बात करें तो यहां पर ही 300 से ज्यादा वाहन स्वामियों पर करोड़ों का टैक्स बकाया है, लेकिन इस बकाए की वसूली कर पाने में विभाग को कामयाबी नहीं मिल पा रही है. लखनऊ जोन में वाहन स्वामियों पर 194 करोड़ रुपये से ज्यादा परिवहन विभाग का टैक्स बकाया है. अब एक कोशिश परिवहन विभाग की तरफ से बाबुओं को टैक्स वसूली की जिम्मेदारी देकर फिर से की जा रही है. कोशिश कितनी सफल होगी यह तो बकाया वसूली के लिए तय की गई अवधि खत्म होने के बाद ही पता चलेगा.

टैक्स वसूली में तीसरे पायदान पर लखनऊ
उत्तर प्रदेश में कुल 75 जिले हैं और 77 परिवहन विभाग के कार्यालय. सभी कार्यालय बकाया टैक्स की वसूली कर पाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं. हालांकि लखनऊ की बात करें, तो यहां का दायरा काफी बड़ा है. वाहनों की संख्या भी बहुत ज्यादा है. इस अनुपात में यहां पर काफी वाहन स्वामियों से वसूली भी हुई है. लखनऊ में कुल 76 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया था. ओटीएस योजना में बकाया टैक्स की काफी वसूली भी हुई थी. वसूली के मामले में गाजियाबाद और नोएडा के बाद लखनऊ का ही नंबर है, लेकिन अभी भी यहां पर इतना टैक्स बकाया है कि जिसकी वसूली हो जाए तो परिवहन विभाग मालामाल हो जाए.

डीटीसी ने सभी बाबुओं को दिया टैक्स
लखनऊ जोन के डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर निर्मल प्रसाद ने आरटीओ कार्यालय के सभी बाबुओं को टास्क दिया है कि हरहाल में एक सप्ताह के अंदर बकाया टैक्स की वसूली करें. वसूली कर पाने में जो भी बाबू लापरवाही बरतेंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी. सात दिन के बाद फिर से टैक्स बकाया की समीक्षा की जाएगी. डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के टास्क के बाद अब आरटीओ कार्यालय के बाबू टैक्स वसूलने के लिए सक्रिय हो गए हैं.

क्या कहते हैं एआरटीओ
यह सही है कि लखनऊ जनपद में टैक्स का काफी बकाया है. इसके बावजूद कर वसूलने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है. 75 जिलों में लखनऊ की टैक्स वसूली के मामले में तीसरी रैंक है. लखनऊ का अच्छा योगदान टैक्स वसूली के मामले में है. हम टैक्स वसूली के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं. सभी स्टाफ को निर्देशित किया गया है. उनको एक सूची दी गई है कि वाहन स्वामियों को फोन करें. इसके अलावा घर-घर जाकर संपर्क करेंगे और टैक्स वसूलेंगे. इसके अलावा इस महीने में 500 वाहनों के विरुद्ध आरसी जारी की गई है. जिलाधिकारी को वसूली पत्र भेजे गए हैं. जो पैसा नहीं जमा कर रहे हैं, जो टैक्स डिफाल्टर हैं उनको वसूली पत्र जारी किया है. कर वसूलने की प्रक्रिया चल रही है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details