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भगवा आतंकवाद पर क्या बोले पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी? सुनें पूरी बातचीत

उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने लखनऊ में ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने वर्तमान राजनीतिक हालात से लेकर आतंकवाद समेत तमाम मुद्दों पर खुलकर अपना पक्ष रखा.

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Published : Apr 30, 2019, 3:38 PM IST

अजीज कुरैशी से बात करते ईटीवी संवाददाता.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी इन दिनों लखनऊ में हैं. यहां ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान उन्होंने भारत के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की. साथ ही उन्होंने कई ऐसे मुद्दों पर भी अपना विचार रखा, जो देश की राजनीति के लिए महत्तवपूर्ण माने जाते हैं.


सवाल:आप भोपाल से हैं, वहां के चुनाव को लेकर आप क्या कहेंगे?
जवाब: भोपाल में साध्वी प्रज्ञा दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं. उनके पास कोई एजेंडा और कोई आइडियोलॉजी नहीं है. वह केवल धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह कर वोट मांग रहे हैं. राष्ट्रीयता की बातें ऐसे कर रहे हैं, जैसे वही अकेले ठेकेदार हैं. जिन्होंने कभी आजादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया, जिनका राष्ट्रीयता के साथ जुड़ाव का कोई इतिहास नहीं रहा. जब गुलामी के दिन थे, उस समय आरएसएस के लोगों ने किसी आंदोलन का सपोर्ट नहीं किया, अंग्रेजों के खिलाफ कुछ नहीं बोला, इनका कोई भी आदमी गिरफ्तार नहीं हुआ. इन्होंने कभी पाकिस्तान और जिन्ना का विरोध नहीं किया.


सवाल:बीजेपी के लोग भोपाल में भगवा आतंकवाद और इस्लामिक आतंकवाद की बात कर रहे हैं.
जवाब: भोपाल में इस्लामी आतंकवाद तो है ही नहीं. बंटवारे के समय पूरा भारत जल रहा था, तब भोपाल में नवाब की हुकूमत थी, मुस्लिम फौज थी, लेकिन किसी भी हिंदू को एक कील तक नहीं चुभी. सदियों से भोपाल का एक मिला-जुला कल्चर है. भोपाल में कभी दंगे नहीं हुए. एक बार दंगा हुआ भी था, तो वह भी बाहरी लोगों ने किया था.

अजीज कुरैशी के साथ ईटीवी भारत की खास बातचीत.


सवाल: भगवा आतंकवाद को लेकर उठ रहे सवाल पर क्या कहेंगे?
जवाब:जब साध्वी प्रज्ञा गिरफ्तार हुईं, हेमंत करकरे जो बहादुर अधिकारी थे, उन्होंने मोटरसाइकिल बरामद की, उन्होंने फोन रिकॉर्ड जब्त किए, जिसमें बम पहुंचा देने और कम लोगों के मारे जाने की बात रिकॉर्ड है. इससे साबित हो गया कि यह उस आतंकवाद में शामिल थीं. उसको किसी ने भगवा आतंकवाद कह दिया. मैं नहीं जानता कि यह सही है या गलत. भगवा आतंकवाद नाम की कोई चीज किसी ने प्वाइंट आउट नहीं की, लेकिन इन्होंने हिंदू भाईयों के सेंटीमेंट को उभारने के लिए इसे मुद्दा बनाया है.


सवाल:उत्तराखंड के राज्यपाल पद से हटने से पहले आपने केंद्र की मोदी सरकार की तारीफ की थी.
जवाब:मोदी की हमने कभी कोई तारीफ नहीं की. अगर मैंने केंद्र सरकार को अच्छा बताया है, तो वह राज्यपाल के तौर पर कहा होगा, लेकिन मैंने मोदी की कभी कोई खास तारीफ नहीं की.


सवाल: मध्य प्रदेश में अभी कांग्रेस की सरकार है, वहां लोगों का मूड कैसे बदला, जो उन्होंने बीजेपी को हटाकर नयी सरकार बनाई?
जवाब: 15 साल से वहां के लोग अंधेरे में थे. न कोई काम हुआ, न विकास हुआ. मध्य प्रदेश में लोगों ने सरकार इसलिए बदली क्योंकि वहां भ्रष्टाचार बहुत बढ़ गया था. भ्रष्टाचार की कोई सीमा ही नहीं रही, लोग परेशान थे. चुनाव में कब्रिस्तान, श्मशान और पाकिस्तान के जो नारे लगे, इससे हमारी कुछ सीटें जरूर कम हुईं, लेकिन हमने इन्हें हराया है और आगे फिर हराएंगे.


सवाल:लोकसभा चुनाव के दौरान भारत का मुसलमान किस तरह से सोच रहा है?
जवाब:भारत का मुसलमान सोच रहा है कि मुल्क की फिरकापरस्त ताकतों को हमेशा के लिए पराजित किया जाए, जिससे हमारे मुल्क का संविधान, सभ्यता और प्राचीन संस्कृति बची रहे. लोकतंत्र बचा रहे, इसलिए सेक्यूलर वोट का बंटवारा नहीं होना चाहिए. सेक्यूलर वोट उसी आदमी को दिया जाए, जो इन्हें हराने की शक्ति रखता हो.


सवाल:आप उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रहे हैं, उत्तर प्रदेश में कौन सी ताकते हैं जो भाजपा को हरा सकती हैं?
जवाब:उत्तर प्रदेश में गठबंधन भारी है. सेक्यूलर तो कांग्रेसी हैं, उससे बड़ी ताकत देश में कौन सी है. लेकिन इस बार जो गठबंधन बना है, मेरे ख्याल से सबसे ज्यादा ताकतवर है. मुझे लगता है कि सबसे ज्यादा सीटें गठबंधन की आएंगी. कांग्रेसी भी हैं, लेकिन गठबंधन ज्यादा मजबूत दिखाई देगा.

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