लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी इन दिनों लखनऊ में हैं. यहां ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान उन्होंने भारत के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की. साथ ही उन्होंने कई ऐसे मुद्दों पर भी अपना विचार रखा, जो देश की राजनीति के लिए महत्तवपूर्ण माने जाते हैं.
सवाल:आप भोपाल से हैं, वहां के चुनाव को लेकर आप क्या कहेंगे?
जवाब: भोपाल में साध्वी प्रज्ञा दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं. उनके पास कोई एजेंडा और कोई आइडियोलॉजी नहीं है. वह केवल धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह कर वोट मांग रहे हैं. राष्ट्रीयता की बातें ऐसे कर रहे हैं, जैसे वही अकेले ठेकेदार हैं. जिन्होंने कभी आजादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया, जिनका राष्ट्रीयता के साथ जुड़ाव का कोई इतिहास नहीं रहा. जब गुलामी के दिन थे, उस समय आरएसएस के लोगों ने किसी आंदोलन का सपोर्ट नहीं किया, अंग्रेजों के खिलाफ कुछ नहीं बोला, इनका कोई भी आदमी गिरफ्तार नहीं हुआ. इन्होंने कभी पाकिस्तान और जिन्ना का विरोध नहीं किया.
सवाल:बीजेपी के लोग भोपाल में भगवा आतंकवाद और इस्लामिक आतंकवाद की बात कर रहे हैं.
जवाब: भोपाल में इस्लामी आतंकवाद तो है ही नहीं. बंटवारे के समय पूरा भारत जल रहा था, तब भोपाल में नवाब की हुकूमत थी, मुस्लिम फौज थी, लेकिन किसी भी हिंदू को एक कील तक नहीं चुभी. सदियों से भोपाल का एक मिला-जुला कल्चर है. भोपाल में कभी दंगे नहीं हुए. एक बार दंगा हुआ भी था, तो वह भी बाहरी लोगों ने किया था.
सवाल: भगवा आतंकवाद को लेकर उठ रहे सवाल पर क्या कहेंगे?
जवाब:जब साध्वी प्रज्ञा गिरफ्तार हुईं, हेमंत करकरे जो बहादुर अधिकारी थे, उन्होंने मोटरसाइकिल बरामद की, उन्होंने फोन रिकॉर्ड जब्त किए, जिसमें बम पहुंचा देने और कम लोगों के मारे जाने की बात रिकॉर्ड है. इससे साबित हो गया कि यह उस आतंकवाद में शामिल थीं. उसको किसी ने भगवा आतंकवाद कह दिया. मैं नहीं जानता कि यह सही है या गलत. भगवा आतंकवाद नाम की कोई चीज किसी ने प्वाइंट आउट नहीं की, लेकिन इन्होंने हिंदू भाईयों के सेंटीमेंट को उभारने के लिए इसे मुद्दा बनाया है.