लखनऊ:लखनऊ में आयुष अस्पतालों पर आज भी मरीजों का विश्वास बना हुआ है. यही कारण है कि इन अस्पतालों में भी रोजाना अच्छी खासी संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. मरीजों का मानना होता है कि एलोपैथिक दवाओं का नुकसान होता है. लेकिन आयुर्वेदिक व होम्योपैथिक दवाओं का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है. प्रदेश के आयुष अस्पतालों में लापरवाही का एक ताजा मामला सामने आया है.
लखनऊ में आयुष अस्पतालों के चिकित्सकों ने लोकेशन को लेकर की हेराफेरी
लखनऊ में आयुष अस्पतालों के चिकित्सकों ने लोकेशन को लेकर हेराफेरी (Ayush Hospitals Doctors in Lucknow forged location) करने का मामला सामने आया है.
दरअसल अस्पतालों के डिजिटलाइजेशन के लिए शुरू हुई जियो टैगिंग प्रक्रिया में शासन को गड़बड़ी देखने को मिली है. अस्पताल की लोकेशन की जगह किसी अन्य लोकेशन को अस्पताल के नाम पर टैग किया गया था. मामला सामने आने के बाद प्रदेश के दो दर्जन से ज्यादा चिकित्साधिकारियों (Ayush Hospitals Doctors in Lucknow forged location) को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है.
मरीजों को सरकारी आयुष अस्पतालों में पहुंचने में किसी तरह की दिक्कत न हो. इसके लिए सभी आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी अस्पतालों के जियो टैगिंग के निर्देश जारी किए गए थे. जियो टैगिंग करने वाली कंपनी ने सभी अस्पतालों के प्रभारी चिकित्साधिकारियों से अस्पताल की लोकेशन मांगी. अस्पताल की लोकेशन की जगह कुछ चिकित्साधिकारियों ने गलत लोकेशन भेज दी. जांच करने पर पता चला कि कुछ ने घर के आसपास की लोकेशन भेज दी थी. यह मामला पकड़ में आ गया. इसके बाद अब इन चिकित्साधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक चिकित्साधिकारियों ने अस्पताल की लोकेशन देने के बजाय अपने घर के आसपास और अस्पताल से दूर हटकर लोकेशन भेज दी थी. प्रदेश के 57 जिलों के सत्यापन में 24 चिकित्साधिकारियों की गड़बड़ी पकड़ी गई है. हालांकि अब भी कुछ जिलों में जांच चल रही है.
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