लखनऊ : कुष्ठ पीड़ितों से भेदभाव न करें, बल्कि कुष्ठ मरीजों को इलाज के लिए प्रेरित करें. सरकारी अस्पतालों में कुष्ठ रोगियों के मुफ्त इलाज की सुविधा है. समय पर इलाज से बीमारी पर काबू पाया जा सकता है. मर्ज को फैलने से रोका जा सकता है. यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने दी. वे सोमवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर वर्ल्ड लेप्रोसी डे पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. रिवर बैंक काॅलोनी स्थित आईएमए भवन से परिवर्तन चौक तक रैली निकाली गई. कुष्ठ रोग जागरूकता रैली की अगुवाई प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने की. इस मौके पर उन्होंने रैली में शामिल डॉक्टर व अन्य लोगों को कुष्ठ रोग जड़ से समाप्त करने के लिए शपथ दिलाई.
Awareness Rally on World Leprosy Day : कुष्ठ मरीजों से न करें भेदभाव, समय रहते कराएं इलाज
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि के अवसर पर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा की अगुवाई में कुष्ठ रोग जागरूकता रैली (Awareness Rally on World Leprosy Day) निकाली गई. इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों और लोगों को कुष्ठ रोग समाप्त करने के लिए शपथ दिलाई.
कुष्ठ रोगियों को अब मिलते हैं 12 हजार रुपये : सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने कहा कि कुष्ठ के प्रति लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. जानकारी के अभाव में समाज में कुष्ठ रोग के प्रति कलंक व भेदभाव हो रहा है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से स्पर्श कुष्ठ रोग जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. कुष्ठ रोग को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं. इसलिए लोग इस रोग को छिपाते हैं. रोग की अवस्था गंभीर होने पर वह इसकी जानकारी देते हैं. राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की प्रक्रिया अपनाते हुए रोगी की शीघ्र पहचान, जांच और इलाज किया जाता है. इस रोग से पीड़ित व्यक्ति की करेक्टिव सर्जरी निशुल्क की जाती है. मरीज को श्रम ह्रास के बदले में 12 हजार रुपये दिए जाते हैं, जो पहले 8 हजार रुपये था. आशा कार्यकर्ता को कुष्ठ रोगी खोजने के लिए प्रति रोगी 250 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है.
समय पर कराएं इलाज : आईएमए के जिलाध्यक्ष डॉ. जेडी रावत ने कहा कि इलाज के अभाव में मर्ज बढ़ता है. इलाज संग लोगों में बैठी भ्रांतियों को दूर करने की जरूरत है. आईएमए के सचिव डॉ. संजय सक्सेना ने कहा कि यदि कुष्ठ रोग का शीघ्र पता चल जाए तो इसका उपचार मल्टी ड्रग थेरेपी एमडीटी से मुमकिन है. कार्यक्रम में जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी योगेश रघुवंशी, डॉ. प्रांजल अग्रवाल, डॉ. मनीष टंडन, डॉ. सुरेश तलवार, डॉ. सरिता सिहं, डॉ. राजीव सक्सेना, डॉ. गुरमीत सिंह, क्वीनमेरी की विभागाध्यक्ष डॉ. एसपी जयसवार, डॉ. सरस्वती देवी, डॉ. नीरज पांडेय, डॉ. अरचिका गुप्ता, गेस्ट्रो मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुमित रूगटा, डॉ. संजय सक्सेना व डॉ. शाश्वत विघाधर, स्कूली छात्र-छात्राएं, केके इंस्टीट्यूट आफॅ पैरामेडिकल सइन्सेस व नर्सिग होम के स्टाफ मौजूद रहे.