लखनऊ : आज डिजिटल जमाना है. हर कोई ऑनलाइन पेमेंट करता है. समय के साथ बहुत कुछ परिवर्तन (Slaughter Coins Expo begins) हुआ है. पहले सिक्के चलते थे, फिर नोट और अब ऑनलाइन पेमेंट, लेकिन क्या आपने कभी पुर्तगाल और मुगल के सिक्के (Lucknow News) देखे हैं? अगर नहीं देखे हैं तो बने रहिए इस खबर पर. लखनऊ में एक प्रदर्शनी आयोजित हो रही है जिसमें करीब 50 देश की मुद्राओं को प्रदर्शित किया गया. यहां पर आपको पुराने से पुराने नोट और सिक्के देखने का मौका मिलेगा. इसके अलावा हमारे भारत में इतिहास में किस तरह के सिक्के होते थे वह भी देखने को मिलेंगे.
मुद्रा शास्त्री गोलुकेश रस्तोगी ने बताया कि 'अवध कॉइंस एक्सपो लखनऊ में आयोजित हो रहा है. इसका एकमात्र उद्देश्य है कि लोग अपने देश और अन्य देश में अभी तक इस्तेमाल हुए मुद्रा के बारे में जान सकें. उदाहरण के लिए मुगलों में भी कई शासक थे और उन शासकों के अलग-अलग शासनकाल में अलग-अलग मुद्राएं होती थीं. वह सभी मुद्राएं यहां पर प्रस्तुत की गई हैं ताकि लोग उन मुद्राओं को देख सकें. इसके अलावा राजधानी लखनऊ में नवाबों के समय में जो मुद्राएं इस्तेमाल होती थीं, उन मुद्राओं को भी यहां पर दिखाया गया है.'
उन्होंने बताया कि 'इस एक्सपो में पुराने से पुराने शासनकाल के मुद्रण यहां पर हैं. जिन्हें लोग रोचकता के साथ देख रहे हैं और उसे वह खरीद भी सकते हैं. अगर किसी व्यक्ति के पास कोई पुराने सिक्के हैं या कोई नोट है जो वर्तमान में नहीं चल रही है. वह भी यहां पर बेच सकते हैं, उसके बदले में उन्हें एक निर्धारित शुल्क भी प्राप्त होगा. अगर किसी को यहां पर कोई भी मुद्रा किसी भी देश की या फिर किसी भी शासक के शासनकाल की मुद्रा पसंद आती है तो वह उसे खरीद भी सकता है. अच्छी बात यह है कि इस तरह के कार्यक्रम हमेशा आयोजित नहीं होते हैं. बहुत से ऐसे लोग हैं, जिनके पास खोटे सिक्के हैं या फिर ऐसे सिक्के हैं जिनका कोई इस्तेमाल नहीं है, वह घर के किसी एक बक्से में रखे हुए हैं, उसके बदले में उन्हें कुछ पैसे मिल जाएंगे. आज इस कार्यक्रम का पहला दिन था, लेकिन पहले दिन ही काफी ज्यादा भीड़ यहां पर देखने को मिल रही है और लोग यहां पर आ रहे हैं.
एक पैसे से लेकर दो हजार तक की रुपए :उन्होंने बताया कि 'एक पैसा, पांच पैसा, 50 आना, 100 आना, अठन्नी, चवन्नी, दो रुपए, पांच रुपए से लेकर सभी नोट अवध मुद्रा एक्सपो में प्रस्तुत की गई है. यहां पर वह नोट भी प्रदर्शनी में लगाई गई है जो भारत सरकार व भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से प्रतिबंधित कर दी गई हैं. हाल ही में दो हजार की नोट रिजर्व बैंक ने और भारत सरकार ने बंद की थी. उसकी नोट यहां पर प्रस्तुत की गई है जो की मिसप्रिंटेड हैं.'
सोने-चांदी के हैं प्राचीन काल के सिक्के :कोलकाता से गौरव कुमार पाण्डेय ने बताया कि 'अवध मुद्रा एक्सपो में प्राचीन काल से लेकर वर्तमान तक के मुद्राएं प्रस्तुत की गई हैं. प्राचीन काल में पुर्तगाल, मुगल जैसे अनेकों काल रहे हैं और उनके अलग-अलग शासन के शासनकाल में अलग-अलग मुद्राएं चलती थीं. उन सभी मुद्राओं को एक्सपो में प्रस्तुत किया गया है. जो विभिन्न धातुओं से बनी हुई होती थीं. कुछ के शासनकाल में सोने के सिक्के चलते थे तो कुछ के शासनकाल में चांदी के सिक्के चलते थे. सोने, चांदी के विभिन्न प्रकार के सिक्के प्राचीन काल में चला करते थे जो एक धरोहर के तौर पर है. उन सिक्कों को यहां पर प्रदर्शनी में प्रस्तुत किया गया है. बहुत से लोग इसे देखने के लिए आ रहे हैं, जिनकी कीमत सात हजार की कीमत से शुरुआत है और तीन से चार लाख रुपए तक के सिक्के यहां पर उपलब्ध हैं. बहुत से लोग यहां पर जो घूमने आ रहे हैं. वह इन्हें खरीद भी रहे हैं.'
अवध के हर शासकों के शासनकाल की मुद्राएं :भारतीय मुद्रा परिषद के संरक्षक मोहम्मद सुल्तान ने बताया कि 'अवध कॉइंस एक्सपो राजधानी लखनऊ में आयोजित हो रहा है. यह एक बहुत अच्छा कार्यक्रम है. यहां पर बहुत सारे स्टॉल्स लगे हुए हैं. राजधानी लखनऊ में जितने भी शासक आए हैं उनके कल का मुद्रण यहां पर प्रस्तुत किया गया है. ईस्ट इंडिया कंपनी के जो मुद्रा थी वह भी यहां पर है. इसके अलावा भारत में जो भी शासक आए हैं उनके शासनकाल में जो मुद्राएं चलती थीं उन सबको यहां पर प्रस्तुत किया गया है. उन्होंने बताया कि लखनऊ में नवाब सआदत अली खान, सफदरगंज, गाजीउद्दीन हैदर, नसीरुद्दीन हैदर, शुजाउद्दौला, मुहम्मद अली शाह और नवाब वाजिद अली शाह आदि ने शासन किया. इनकी शासनकाल में अलग-अलग मुद्राएं चलती थीं, उन सभी मुद्राओं को यहां पर प्रस्तुत किया गया है, ताकि आम जनता लखनऊ की मुद्राओं को पहचानें.