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Transport Department : यूपी में गुजरात मॉडल लागू करने की तैयारी, अब हर जिले में खोले जाएंगे तीन "एटीएस" - Transport Department changed the policy

अब गाड़ियों के फिटनेस पर लापरवाही करनी आपको महंगी पड़ सकती है. परिवहन विभाग ने इसके लिए पॉलिसी में बदलाव (Transport Department changed the policy) कर दिया है. गुजरात की तर्ज पर अब यूपी में भी ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) खुलेंगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 11, 2023, 9:37 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में गुजरात की तर्ज पर अब ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) खुलेंगे. परिवहन विभाग ने इसके लिए पॉलिसी में बदलाव कर दिया है. अभी तक एक जिले में एक ही एटीएस खुल सकता था, लेकिन अब इसमें परिवर्तन करते हुए एक (Transport Department changed the policy) जनपद में तीन खुल सकेंगे. गुजरात में एक जिले में 10 एटीएस खोले जा सकते हैं. यूपी के सभी जिलों में तीन-तीन एटीएस खोलने के लिए जल्द ही स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी की जाने की तैयारी है. जिस दिन एसओपी जारी की जाएगी उसके बाद से आवेदन किए जा सकेंगे. निजी हाथों में एटीएस की कमान होगी. ऐसे में 'पहले आओ पहले पाओ' की पॉलिसी भी लागू की जा रही है. एक जिले में तीन एटीएस खुलने से वाहन स्वामियों के पास वाहनों की फिटनेस कराने के विकल्प होंगे, जिससे वे लूट का शिकार होने से बच सकेंगे.

परिवहन आयुक्त कार्यालय

अधिकारियों ने बताया कि एटीएस की स्थापना के लिए आवेदन के समय आवेदक को निर्धारित भूमि के स्वामित्व का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा. अगर स्वामित्व उपलब्ध नहीं है और वह भूमि पट्टे या भाड़े पर लेने का इच्छुक है तो उसे उसे भूमि को न्यूनतम 10 साल की अवधि के लिए भाड़े पर दिए जाने से संबंधित ₹100 के ज्यूडिशल स्टैंप पेपर पर भूमि स्वामी का एनओसी और संबंधित भूमि के स्वामित्व का प्रमाणीकृत दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा. भूमि पट्टे पर लिए जाने का रजिस्टर्ड डीड प्रारंभिक रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र 30 दिन के अंदर रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को प्रस्तुत करना होगा. एटीएस के परिसर में वाहनों के प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग द्वार होने चाहिए जिससे वाहनों का आवागमन बाधित न हो. परिसर तक पहुंच मार्ग की चौड़ाई न्यूनतम सात मीटर होनी चाहिए. एटीएस में प्रवेश और विकास के समय वहां की पूरी डिटेल नोट की जाएगी जिससे यह जानकारी हो सकेगी कि वाहन कितने समय तक केंद्र में मौजूद रहा.


यूपी में गुजरात मॉडल लागू करने की तैयारी

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 'किसी आवेदक को वर्तमान में संचालित एटीएस को शामिल करते हुए प्रदेश में अधिकतम तीन स्टेशन ही आवंटित किए जाएंगे. यह प्रतिबंध राज्य सरकार की तरफ से स्थापित होने वाले एटीएस पर लागू नहीं होगा. किसी एक आवेदक को एक जनपद में एक ही एटीएस स्थापित करने की अनुमति होगी. यह प्रतिबंध भी राज्य सरकार पर लागू नहीं होगा. किसी एक जिले में अधिकतम तीन स्वचालित परीक्षण स्टेशन ही स्थापित किए जाने की अनुमति होगी. 'पहले आओ पहले पाओ' नीति के अनुसार नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम पोर्टल पर आवेदन प्रस्तुत करने की तिथि के आधार पर किया जाएगा. कोई आवेदक तीन से अधिक परीक्षण स्टेशन के लिए सफल घोषित किया जाता है तो उसकी इच्छानुसार तीन स्टेशन आवंटित किए जाएंगे. इसके लिए आवेदक को चयन की सूचना ईमेल के माध्यम से अथॉरिटी की तरफ से दी जाएगी. सात दिन के अंदर लिखित रूप से अपनी इच्छा के तीन स्टेशन आवंटित किए जाने की जानकारी आवेदक को उपलब्ध करानी होगी.

परिवहन आयुक्त कार्यालय

एटीएस और विभाग को मिलेगी फीस :केंद्रीय मोटरयान नियमावली 1989 के नियम 81 में विनिर्दिष्ट फिटनेस परीक्षण शुल्क स्वचालित परीक्षण स्टेशन को और फिटनेस प्रमाण पत्र निर्गमन शुल्क और विलंब शुल्क परिवहन विभाग को देय होगा. एटीएस को प्राप्त होने वाले शुल्क पर दिए जीएसटी वाहन स्वामी से परीक्षण स्टेशन की तरफ से प्राप्त किया जाएगा. जीएसटी की प्रचलित प्रक्रिया और नियम के अनुसार निर्धारित समय में संबंधित विभाग को जमा करने का दायित्व एटीएस संचालक का होगा.


इतनी होगी मालियत तभी होगा आवेदन : एक ऑटोमेटिक ट्रेनिंग स्टेशन के लिए आवेदक की शुद्ध मालियत यानी (नेटवर्थ) कम से कम तीन करोड़ और एक से अधिक स्वचालित परीक्षण स्टेशन के लिए शुद्ध मालियत कम से कम सात करोड़ रुपए होनी चाहिए. सर्टिफिकेट चार्टर्ड अकाउंटेंट से सत्यापित होना अनिवार्य है. आवेदक को एक शपथ पत्र भी प्रस्तुत करना होगा कि उन्हें पिछले तीन साल में किसी राज्य में ब्लैक लिस्ट नहीं किया गया है.

यूपी में गुजरात मॉडल लागू करने की तैयारी

समय पर काम नहीं तो लगेगा जुर्माना :अधिकारी बताते हैं कि 'चयनित आवेदक अगर प्रारंभिक रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र निर्गत होने की तिथि से दो माह की अवधि तक स्टेशन निर्माण का कार्य प्रारंभ नहीं करता है तो ₹5000 प्रतिमाह और उसके भाग के लिए जुर्माना भरेगा. चार माह तक कार्य शुरू न कराए जाने की स्थिति में प्रारंभिक रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र निरस्त मान लिया जाएगा. एक साल के अंदर स्वचालित परीक्षण स्टेशन की स्थापना पूरी करके प्री कमिश्निंग ऑडिट और असेसमेंट का कार्य पूरा किया जाना होगा. अगर ऐसा नहीं होता है तो ₹10000 प्रतिमाह और उसके भाग के लिए जुर्माना देना होगा. तीन माह से अधिक देरी होने पर प्रारंभिक रजिस्ट्रीकरण प्रमाण पत्र स्वत: निरस्त मान लिया जाएगा.




अपर परिवहन आयुक्त (राजस्व) राजीव कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि 'प्रदेश के सभी जनपदों में कम से कम तीन ऑटोमेटेड ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने का लक्ष्य है. इसके लिए जल्द ही एसओपी जारी होगी. उसके बाद इच्छुक आवेदक एटीएस के लिए आवेदन कर सकेंगे. वर्तमान में लखनऊ में सरकारी और गाजियाबाद में प्राइवेट एटीएस संचालित हो रहे हैं, साथ ही आगरा और कानपुर में सरकारी एटीएस का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. इन्हें छोड़कर इन सभी जिलों में दो-दो और एटीएस स्थापित किए जा सकेंगे. ऐसे में यह माना जाए कि आने वाले दिनों में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में लगभग 221 से लेकर 225 एटीएस स्थापित हो जाएंगे जिससे वाहन स्वामियों को बड़ी राहत मिलेगी.

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