लखनऊ:उत्तर प्रदेश में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता परखने और पूरी मॉनिटरिंग के लिए प्रदेश में एक अथॉरिटी का गठन किया जाएगा. शासन स्तर के सूत्र बताते हैं कि लोक निर्माण विभाग, राजकीय निर्माण निगम, ग्रामीण अभियंत्रण सहित कई अन्य विभागों के अंतर्गत होने वाले निर्माण कार्य की देखरेख और पूरी गुणवत्ता बनाए रखने के लिए एक अथॉरिटी का गठन किया जाएगा, जो पूरा काम करेगी. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इसके लिए कैबिनेट से मंजूरी दिलाए जाने की तैयारी है. इसको लेकर कैबिनेट स्तर पर एक प्रस्ताव भी बनाया जा रहा है.
जल्द ही अथॉरिटी का होगा गठन
शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि सरकार के स्तर पर यह फैसला लिया गया है कि निर्माण कार्यों की निगरानी और ऑडिट के लिए एक अथॉरिटी का गठन जल्द ही किया जाएगा. इससे प्रदेश में सड़क निर्माण या भवन निर्माण के कामकाज में न सिर्फ गुणवत्ता बेहतर हो सकेगी, बल्कि पारदर्शिता भी लाई जाएगी. इसको लेकर अभिनव प्रयोग करने के उद्देश्य से एक अथॉरिटी का गठन कराया जाएगा.
लखनऊ: निर्माण कार्यों की गुणवत्ता परखने के लिए बनाई जाएगी अथॉरिटी! - अथॉरिटी में 100 से अधिक पद की व्यवस्था होगी
उत्तर प्रदेश में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता परखने के लिए एक अथॉरिटी बनाई जाएगी. यह अथॉरिटी किसी भी बड़े निर्माण कार्य का पूरा प्रस्ताव और डीपीआर तैयार करने का काम करेगी. इसके लिए अब सरकार के स्तर पर कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है.
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अथॉरिटी में 100 से अधिक पद की व्यवस्था होगी
शासन के अधिकारी के अनुसार, गठित होने वाले अथॉरिटी में 100 से अधिक पद की व्यवस्था होगी और इसमें वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती भी कराई जाएगी. यह अथॉरिटी किसी भी बड़े निर्माण कार्य का पूरा प्रस्ताव और डीपीआर तैयार करने का काम करेगी. इसके साथ ही निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग तकनीकी और वित्तीय ऑडिट भी करेगी. इसके लिए अब सरकार के स्तर पर कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी है.
इन कार्यों की वजह से बनाई गई अथॉरिटी
अधिकारी ने बताया कि अथॉरिटी के गठन की मंशा इसलिए है, क्योंकि कम लागत में गुणवत्तापूर्ण काम कराना, प्रशासनिक विभागों को निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग के साथ ही उन्हें इसके लिए नए टूल्स मुहैया कराना है, जो एक तरह का नया काम उत्तर प्रदेश में होगा. अभी तक निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और ऑडिट कराने का काम अलग से नहीं होता रहा है. संबंधित विभागों के स्तर पर ही यह काम होता था, लेकिन स्वतंत्र रूप से कोई जांच एजेंसी इसके लिए काम नहीं करती थी. मगर अब कैबिनेट से अप्रूवल मिलने के बाद यह अथॉरिटी पूरी तरह से निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और वित्तीय ऑडिट करने का काम भी करेगी. इससे स्वाभाविक रूप से तमाम तरह के निर्माण कार्य, जिनमें सड़क भवन निर्माण की गुणवत्ता बेहतर होगी, तो वित्तीय नुकसान भी कम हो सकेगा.
निर्माण कार्यों के लिए अथॉरिटी के गठन का फैसला
अथॉरिटी के गठन के बाद इसमें वरिष्ठ प्रशासनिक अफसरों की तैनाती की जाएगी. यह अथॉरिटी सभी विभागों और सरकारी निगम और अन्य तरह के उपक्रमों के निर्माण कार्यों का तकनीकी और वित्तीय ऑडिट भी करेगी. अभी परियोजना लागत का ठीक से मूल्यांकन और सही तकनीकी परीक्षण न हो पाने से कई बार लागत को संशोधित करना पड़ता है, तो गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते हैं. कई बार वित्तीय अनियमितताओं की भी शिकायतें आती हैं. निर्माण कार्यों को लेकर सरकार की छवि खराब होती है, ऐसी तमाम शिकायतों और चिंताओं को दूर करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने निर्माण कार्यों के लिए एक अथॉरिटी के गठन का फैसला किया है.