लखनऊ:आईआईएम रोड के प्रबंध नगर में अनियोजित कॉलोनी के खिलाफ कार्रवाई करने गई लखनऊ विकास प्राधिकरण की टीम के साथ बिल्डर के लोगों नोकझोंक शुरू कर दी. पुलिस के बीच बचाव के बाद इंजीनियर और कर्मचारियों को वापस लौटना पड़ा. इसी दौरान एलडीए के एक जेसीबी चालक को हार्ट अटैक आ गया जिससे उसकी मौत हो गई.
गौरतलब है कि गुरुवार को मड़ियाव थाना अंतर्गत लखनऊ विकास प्राधिकरण की टीम अभिषेक मित्तल को जारी नोटिस के बाद जमीन के अधिग्रहण को मुक्त कराने पहुंची. लखनऊ विकास प्राधिकरण की टीम संजय मिश्र अभियंता, ज्ञानेश्वर सिंह अभियंता सहित जेसीबी ड्राइवर ताहिर अली, जेसीबी ड्राइवर राजेश प्रसाद गौतम व अन्य कर्मचारी और मड़ियाव थाना प्रभारी वीर सिंह के नेतृत्व में स्थानीय घैला चौकी इंचार्ज चंद्रकांत यादव, दीवान जगदंबा प्रसाद रेहान खान व उनके सहयोगी इस दौरान मौजूद रहे.
यहां आम लोगों ने टीम के साथ नोकझोंक शुरू कर दी. पुलिस के बीच-बचाव के बीच एलडीए टीम को वापस लौटना पड़ा. इसी बीच जेसीबी चालक ताहिर अली जो मड़ियाव थाना ताड़ीखाना का रहने वाला है, रास्ता भटक कर छैला गांव की तरफ चला गया. वहां उसे हार्ट अटैक आ गया. इसकी सूचना जब स्थानीय पुलिस को मिली तो मौके से ताहिर को मेडिकल कॉलेज इलाज के लिए भेजा गया.
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने ताहिर की हार्ट अटैक से मृत्यु की पुष्टि कर दी. स्थानीय पुलिस ने पंचनामा करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. ताहिर के दो लड़कियां और दो लड़के हैं. उनकी शादी हो चुकी है. बताया जाता है कि ताहिर के रिटायरमेंट के 2 वर्ष बचे थे.
वहीं, मड़ियाव थाना प्रभारी वीर सिंह ने बताया कि लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन पर हुए निर्माण को ध्वस्त किया जा रहा था. उसी दौरान स्थानीय लोगों ने आपत्ति की.
इसे देखते हुए स्थानीय पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया. उसके बाद एलडीए का जेसीबी चालक ताहिर अली वापस हो रहा था. तभी करीब 4 बजे हार्ट अटैक की सूचना मिली.
मौके से पुलिस ने ताहिर को प्राथमिक इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज भेज दिया. डॉक्टरों शाम 5:10 बजे ताहिर को मृत घोषित कर दिया. वहीं, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी.
कार्रवाई में भेदभाव करने का आरोप
एलडीए के अधिकारियों पर आरोप है कि अवैध निर्माण के मामले में पिक एंड चूज करते हैं. एक तरफ से सभी पर कार्रवाई करने की जगह चुनिंदा लोगों पर अवैध निर्माण विरोधी कार्रवाई की जाती है. यह आरोप जिस कॉलोनी में यह कार्यवाही की जा रही थी, वहां के लोगों ने लगाया. एलडीए के अधिकारियों से बहसबाजी के बीच लोगों का गुस्सा बढ़ गया.