लखनऊ: बांग्लादेश-म्यांमार के नागरिकों को अवैध रूप से भारत लाकर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर हिंदू बना दिया जाता था. भारतीय बन जाने के बाद उन्हें मानव तस्करी के माध्यम से विदेश भेज दिया था. यह सारा काम एक गैंग अंजाम देता था. इस गैंग का सहयोग करने वाले देहरादून निवासी अजय घिल्डियाल को एटीएस की टीम ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया.
उसने पूछताछ में इसका खुलासा किया. उसने बताया कि इस काम के बदले उसे काफी पैसा मिलता था. एटीएस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक गिरोह के अन्य आरोपियों से की गई पूछताछ के आधार पर गाजियाबाद से 10 नवंबर को आरोपी विक्रम सिंह को गिरफ्तार किया गया था.
उससे पूछताछ में पता चला कि वह दिल्ली एयरपोर्ट पर अपने एक अन्य सहयोगी अजय घिल्डियाल के जरिए फर्जी पासपोर्ट से विदेश भेजे जान वाले व्यक्तियों का बोर्डिंग पास बनवा देता था. विक्रम से उसका परिचय गुरप्रीत सिंह ने कराया था. इस पर एटीएस ने सहारनपुर से अजय घिल्डियाल को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया.
पूछताछ में उसने बताया कि साल 2016 से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, दिल्ली में वह एयर इंडिया के कस्टमर सर्विस का काम संभाल रहा है. वह फर्जी पासपोर्ट से विदेश जा रहे व्यक्तियों की मदद करने के लिए बोर्डिंग में मदद करता था.
इसके एवज में वह प्रति व्यक्ति 15000 रुपये लेता था. इस पैसे को वह ड्यूटी कर्मचारियों के साथ बांट लेता था. साल 2020 में अजय की मुलाकात विक्रम व गुरुप्रीत से हुई थी. गुरुप्रीत लगातार फोन के जरिये अजय के संपर्क में बना रहता था.