लखनऊ: सीबीआई की विशेष अदालत ने पूर्व सांसद अतीक अहमद के पुत्र मोहम्मद उमर और एक अन्य अभियुक्त योगेश कुमार के खिलाफ स्थाई गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. कोर्ट ने उमर और एक अन्य अभियुक्त योगेश को प्रापर्टी डीलर को अगवा कर देवरिया जेल में मारपीट और रंगदारी वसूलने के मामले में ये कार्रवाई की है. सीबीआई ने कोर्ट में एक रिपोर्ट दाखिल करते हुए बताया कि अभियुक्त मो. उमर का प्रयागराज स्थित एसबीआइ व एचडीएफसी का बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिया गया है, जबकि उसकी अचल संपत्ति का ध्वस्तीकरण सरकार पहले ही करा चुकी है.
विवेचक ने अभियुक्त योगेश के बारे में बताया कि इसका जो पता दर्ज है, वह उसके रिश्तेदार का है. लिहाजा उसकी संपत्ति का पता नहीं चल सका है. वहीं अभियुक्तों की फरारी को देखते हुए कोर्ट ने सीबीआई को उनकी गैर मौजूदगी में ही साक्ष्य पेश करने का आदेश दिया है.
अतीक अहमद के बेटे के बैंक अकाउंट सीज
उल्लेखनीय है कि 21 अक्टूबर को अदालत ने इन दोनों फरार अभियुक्तों की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया था. कृष्णानगर थाने से संबधित मामले की विवेचना पहले स्थानीय पुलिस कर रही थी. विवेचना के दौरान पुलिस ने अतीक अहमद समेत आठ अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था, लेकिन 23 अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पारित कर इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.
12 जून, 2019 को सीबीआइ ने अतीक अहमद, फारुख, जकी अहमद, मो. उमर, जफर उल्लाह, गुलाम सरवर व 12 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी. विवेचना के बाद सीबीआई ने अतीक समेत अन्य अभियुक्तों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया था. इन अभियुक्तों का मुकदमा कमिट कर ट्रायल के लिए सत्र अदालत को भेजा गया था. सीबीआई ने बाद में अतीक के बेटे मो. उमर, योगेश कुमार, नीतेश मिश्रा व महेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था. नीतेश मिश्रा व महेंद्र कुमार सिंह आत्मसमर्पण कर न्यायिक हिरासत में निरुद्ध हैं.
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पूरा मामला
बता दें कि 28 दिसंबर, 2018 को रियल एस्टेट कारोबारी मोहित जायसवाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि देवरिया जेल में निरुद्ध अतीक ने अपने गुर्गाें के जरिए गोमतीनगर आफिस से उसका अपहरण कराया था. इसके बाद तमंचे के बल पर उसे देवरिया जेल ले जाया गया. अतीक ने उससे एक सादे स्टाम्प पेपर पर दस्तखत करने को कहा. उसने इनकार कर दिया. इस पर अतीक ने अपने बेटे उमर तथा गुर्गे गुरफान, फारुख, गुलाम और इरफान के साथ मिलकर उसे तमंचे व लोहे की राड से पीटा. उसके बेसुध होते ही स्टाम्प पेपर पर दस्तखत बनवा लिए और करीब 45 करोड़ की संपत्ति अपने नाम करा ली. साथ ही गुर्गाें ने उसकी एसयूवी गाड़ी भी लूट ली.
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