लखनऊ: माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ ने सिर्फ आतंकी जीशान को ही नहीं, बल्कि प्रयागराज के 12 से अधिक मुस्लिम नौजवानों को विदेश भेजने और उन्हे आतंकी संगठन से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई थी. आतंकी ट्रेनिंग के लिए युवाओं को भेजने के बदले अतीक और अशरफ को पाकिस्तान से हथियारों का जखीरा भेजा जाता था. एटीएस ने जब जीशान कमर और अशरफ की नजदीकियों की पड़ताल की तो यह सच सामने आया. यूपी एटीएस ने सितंबर 2021 को आतंकी जीशान कमर को पकड़ा था. सूत्रों के मुताबिक, एटीएस अब ऐसे लोगों के दस्तावेज खंगाल रही है, जिनके पासपोर्ट बनवाने के लिए अशरफ या अतीक अहमद ने सिफारिश की थी.
एटीएस सूत्रों का कहना है कि अतीक ने अपने भाई अशरफ को पाकिस्तान में ट्रेनिंग के लिए युवाओं को मोटिवेट करने का जिम्मा सौंप रखा था. अशरफ ही खाड़ी देशों के जरिये पाकिस्तान भेजने की प्लानिंग करता था. अशरफ और जीशान की करीबी ने ATS की उड़ाई नींद : प्रयागराज के करेली निवासी जीशान कमर को यूपी एटीएस ने सितंबर 2021 को प्रयागराज से गिरफ्तार किया था. जीशान पर पाकिस्तान जाकर हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग और जेहादियों के वर्कशॉप में शामिल होने का आरोप था. एसटीएफ को सूचना मिली थी कि अब वह भारत में आतंकी गतिविधियां करना चाहता था. इसके बाद से ही एसटीएफ जीशान के करीबियों की तलाश कर रही थी.
पिछले दिनों एक सिफारिशी पत्र सामने आया, जिसे 2017 में अतीक के भाई अशरफ ने पासपोर्ट अधिकारी को लिखा था. इस लेटर में जीशान के लिए जल्द से जल्द पासपोर्ट बनाने की सिफारिश की गई थी. यह पत्र सामने आने के बाद यूपी एटीएस सक्रिय हो गई. जांच एजेंसियां जीशान और अशरफ से जुड़ी कड़ियों को जोड़ने में जुट गई है. अभी एटीएस दस्तावेजों को खंगालने में ही जुटी है.
मुस्लिम बस्ती से युवाओं का माइंड वॉश करता था अशरफ : एटीएस के सूत्रों ने बताया कि, अतीक अहमद और अशरफ न सिर्फ प्रयागराज में एक मुस्लिम बस्ती बसाना चाहते थे, बल्कि दोनों भाई आईएसआई के लिए यूपी में रिक्रूटमेंट भी कर रहे थे. अतीक और अशरफ प्रयागराज के करेली, खुल्दाबाद, शाहगंज, अतर सुइयां, चकिया, अटाला और कसारी मसारी इलाके से मुस्लिम नौजवानों को पैसों और अय्याशी का लालच देकर पहले खाड़ी देश जाने के लिए तैयार करते थे. खाड़ी देश से प्रयागराज के युवाओं को पाकिस्तान भेजा जाता था. अशरफ आईएसआई के निर्देश पर युवाओं को भारत में काफिरों के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए मानसिक तौर पर तैयार करता था. माइंड वॉश के बाद युवाओं को गल्फ कंट्रीज भेजा जाता था.
ATS का कहना है कि आईएसआई को युवा देने के एवज में अतीक को पाकिस्तान हथियार सप्लाई करता था. पूछताछ में अतीक ने ड्रोन से हथियार मिलने की जानकारी दी थी. अशरफ के सिफारिशी पत्रों की जांच कर रही एजेंसी :सूत्रों के मुताबिक, एटीएस की अब तक जांच में सामने आया है कि, अतीक अहमद के इशारों पर अशरफ ही खाड़ी देश भेजे जाने वाले मुस्लिम युवाओं के लिए पासपोर्ट की व्यवस्था करता था. पुलिस वेरिफिकेशन, मेडिकल टेस्ट से लेकर पासपोर्ट बनवाने की जिम्मेदारी अशरफ की थी. वह खुद हर एक नौजवान के लिए फोन और लेटर पैड में लिखकर सिफारिश करता था. सूत्रों के अनुसार, एजेंसी अब ऐसे ही युवाओं की सूची बना रही है, जिनके लिए अशरफ या अतीक ने विदेश भेजने के लिए जरूरी दस्तावेजों की सिफारिश की थी. यही नहीं अलग-अलग विभागों से दस्तावेज भी तलब किए गए हैं.
पाकिस्तान से अतीक को मिल रहे थे हथियार : पुलिस को दिए गए बयान में अतीक अहमद ने बताया था कि, वह पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए पंजाब में हथियार मंगवाता था. इसी के चलते यूपी एटीएस ने अतीक और अशरफ से रिमांड के दौरान पूछताछ की थी. सूत्रों के मुताबिक, पूछताछ में सामने आया था कि, पाकिस्तान हथियारों को भेजने के लिए पैसा नहीं ले रहा था. एटीएस को शक है कि अतीक और अशरफ प्रयागराज से लड़कों को आईएसआई में भर्ती कर रहा था और उसके एवज में इनाम के रूप में उन्हे हथियार सप्लाई किए जा रहे थे. एटीएस के मुताबिक, अभी भी अतीक और अशरफ से कई सवालों के जवाब तलाशने थे लेकिन उनकी हत्या से जवाब नहीं मिल सके.
गौरतलब है कि, अतीक अहमद और अशरफ को प्रयागराज पुलिस 13 अप्रैल को जेल से प्रयागराज लाई थी. जिसके बाद दोनों को 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया था. इसी दौरान 15 अप्रैल को कॉल्विन अस्पताल में मेडिकल के लिए जाते समय अतीक और अशरफ की तीन शूटर्स ने गोलियों चला कर हत्या कर दी थी. हत्या से पहले दो दिनों तक अतीक और अशरफ ने पुलिस, एसटीएफ और एटीएस की पूछताछ में कई अहम खुलासे किए थे.
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