लखनऊ: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे और रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से सपा विधायक अब्दुल्लाह आजम खान की विधानसभा सदस्यता हाईकोर्ट ने समाप्त कर दी. 2017 विधानसभा चुनाव के समय गलत सर्टिफिकेट के आधार पर उम्र छिपाने का अब्दुल्लाह आजम पर आरोप था, जिसके बाद हाईकोर्ट ने उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी. ईटीवी भारत को प्राप्त जानकारी के अनुसार, लखनऊ नगर निगम से अब्दुल्लाह आजम खान का जन्मतिथि का प्रमाण पत्र जारी हुआ था.
सपा विधायक अब्दुल्लाह आजम खान की विधानसभा सदस्यता हाईकोर्ट ने समाप्त कर दी है. गलत तथ्यों के आधार पर बना था जन्मतिथि प्रमाण पत्रशैक्षिक प्रमाणपत्रों के अनुसार, अब्दुल्लाह आजम खान के हाईस्कूल की सर्टिफिकेट में जन्म की तारीख 1 जनवरी 1993 दर्ज है. गलत तथ्यों के आधार पर लखनऊ नगर निगम प्रशासन की तरफ से 30 सितंबर 1990 का बर्थ सर्टिफिकेट जारी किया गया, जो सही नहीं थी. लखनऊ नगर निगम में बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए वर्ष 2015 में 17 जनवरी को नगर-निगम प्रशासन में जन्म तिथि प्रमाण पत्र जारी करने का आवेदन किया गया था.
चुनाव के दौरान लगाया गया हॉस्पिटल का सर्टिफिकेट
2017 के चुनाव को देखते हुए यह गलत तथ्यों यानी लखनऊ की क्वीन मैरी हॉस्पिटल का सर्टिफिकेट लगाया गया, जिसमें गलत तथ्य देते हुए 30 सितंबर 1990 का जिक्र किया गया. इसी आधार पर नगर निगम प्रशासन की तरफ से बर्थ सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया. इस आधार पर 2017 के चुनाव में उनकी उम्र 25 वर्ष से अधिक हो जाती है. इसके बाद में इसको हाईकोर्ट में चुनौती दी गई, जिसके आधार पर उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त की गई.
पैन कार्ड पर है सही जन्मतिथि
अब्दुल्लाह आजम का जो पहला पैन कार्ड बना, उसमें भी उनकी हाईस्कूल की जन्मतिथि दर्ज की गई, जो सही जन्म तिथि के अनुसार 1 जनवरी 1993 दर्ज कराई गई थी. यहीं उनकी पहले की दर्ज कराई गई वास्तविक जन्मतिथि थी, लेकिन जब विधान सभा चुनाव 2017 होने थे, उससे पहले फर्जी तरीके से लखनऊ नगर निगम प्रशासन को क्वीन मैरी हॉस्पिटल का बर्थ सर्टिफिकेट 30 सितंबर 1990 का देकर जारी करवाया गया, जो गलत था.
2017 के चुनाव के समय उनकी उम्र 24 वर्ष थी
लखनऊ नगर निगम प्रशासन में बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने की अर्जी 17 जनवरी 2015 को दी गई, जो 21 जनवरी 2015 को लखनऊ नगर निगम से जन्म पत्र प्रमाण पत्र जारी किया गया. खास बात यह रही कि अगर अब्दुल्लाह आजम की वास्तविक जन्मतिथि के आधार पर वह चुनाव लड़ते तो 2017 के चुनाव के समय उनकी उम्र 24 वर्ष थी और वह चुनाव नहीं लड़ पाते. ऐसे में गलत तरीके से उनका जन्म तिथि प्रमाण पत्र बनवाया गया, जिसे बाद में हाईकोर्ट ने गलत माना और उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त करने का फैसला सुनाया.
30 सितंबर 1990 का क्वीन मैरी हॉस्पिटल के बर्थ सर्टिफिकेट के आधार पर नगर निगम से उस समय बर्थ सर्टिफिकेट जारी हुआ था. अब उच्च न्यायालय का निर्णय आया है ,उसके आधार पर भविष्य में आगे की कार्रवाई और विचार किया जाएगा.
-डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त, लखनऊ