उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

असम की चेसिस लगी है भाजपा विधायक की फॉर्च्यूनर में, बड़ा सवाल- कहां से आया गाड़ी का ढांचा - Fraud in Vehicle Number

भाजपा नेता और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य (MLC) उमेश द्विवेदी की फॉर्च्यूनर कार की कहानी में झोल ही झोल है. इसके बावजूद छोटी छोटी बातों को तिल का ताड़ बनाने वाली यूपी पुलिस इस मामले में मुंह छिपा रही है. मामला सत्ता पक्ष के एमएलसी से जुड़ा होने के कारण पुलिस का कोई अधिकारी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 18, 2023, 7:21 PM IST

Updated : Dec 18, 2023, 9:47 PM IST

फाॅर्च्यूनर की कहानी बताते मालिक के पुत्र.



लखनऊ :भाजपा नेता और स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य उमेश द्विवेदी की फॉर्च्यूनर गाड़ी में जो टेंपर्ड चेचिस लगी है, उसे लेकर ईटीवी की पड़ताल में एक नया और सनसनीखेज खुलासा हुआ. विधायक की गाड़ी में लगाई गई चेसिस उत्तर प्रदेश की नहीं, बल्कि असम राज्य के डिब्रूगढ़ जिले के अतुल चंद्रा की गाड़ी की है. देश के सबसे बड़े न्यूज नेटवर्क वाले ईटीवी समूह ने अपने असम ब्यूरो से इस पूरे मामले की पड़ताल कराई और इसके बाद जो खुलासे हुए वह वाकई हैरान करने वाले हैं. अब सवाल यह भी उठने लगे हैं कि विधायक जिस गाड़ी से चल रहे थे, उसमें नंबर मेरठ के फैसल की गाड़ी का डाला गया और चेसिस असम की किसी गाड़ी की है तो असल में यह गाड़ी किसकी है? क्या है किसी अन्य गाड़ी को चोरी कर चेसिस टेंपर की गई है या फिर इसमें कोई और राज छिपा है. इस पूरे मामले में पुलिस की चुप्पी भी हैरान करने वाली है. आखिर पुलिस ने अब तक केस दर्ज कर गाड़ी को अपने कब्जे में क्यों नहीं लिया.

भाजपा विधायक की संदिग्ध फॉर्च्यूनर.




असम की असली गाड़ी और चेसिस की कहानी : फर्जी चेसिस और दूसरे की गाड़ी के नंबर पर जिस गाड़ी से विधायक उमेश द्विवेदी चल रहे थे, उस गाड़ी के कई राज सामने आने अभी बाकी हैं. हालांकि ईटीवी भारत की टीम ने इस मामले की गहन पड़ताल कर कई तथ्य सबके सामने रखे हैं. दरअसल विधायक उमेश द्विवेदी की गाड़ी में लगी चेसिस असम राज्य के डिब्रूगढ़ निवासी अतुल चंद्रा की गाड़ी की है. अतुल चंद्रा की गाड़ी का नंबर AS 06 N 5570 है, जिसकी चेसिस काट कर विधायक की गाड़ी में लगाई गई है. जब इस संबंध में ईटीवी असम के ब्यूरो चीफ प्रशांत बरुआ ने पड़ताल की तो पता चला कि उपरोक्त गाड़ी के निजी कंपनी में बड़े पद पर अधिकारी के रूप में कार्यरत अतुल चंद्रा की थी. अतुल चंद्रा इन दिनों पक्षाघात सी पीड़ित हैं और बीमारी के कारण चलने-फिरने में असमर्थ हैं. उनके पुत्र जीतुमोनी कोटोकी ने ईटीवी भारत को बताया कि उनकी फॉर्च्यूनर गाड़ी 2017 में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. जिसके बाद बजाज कंपनी ने उन्हें क्लेम दे दिया. इसके बाद गाड़ी का मलबा स्क्रैप में बेच दिया गया. जानकार बताते हैं कि उसी मलबे से चेसिस काटकर निकाली गई और अंततः: विधायक की गाड़ी में लगाई गई.

भाजपा विधायक का जवाब.




...तो किसकी है असल गाड़ी : ईटीवी भारत की इस पूरी पड़ताल के बाद यह साफ हो गया है कि विधायक की गाड़ी में मेरठ के फैसल की गाड़ी के नंबर का इस्तेमाल कई साल से किया जा रहा था. अब यह भी साफ हो गया है कि चेसिस असम की गाड़ी से काटकर टेंपर की गई है. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि इस गाड़ी का असल मालिक कौन है. इस गाड़ी का चेसिस नंबर क्या है. क्या यह गाड़ी चोरी की है? यदि हैं तो इसका असल मालिक कौन और कहां है. वाहनों के क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले लोग बताते हैं कि आमतौर पर ऐसी गाड़ियों के इंजन नंबर को भी मिटा या बिगाड़ दिया जाता है और यदि इंजन नंबर मिटाया या बिगाड़ा न जाए तो भी गाड़ी के असल मालिक का पता किया जा सकता है. स्वाभाविक है कि यह काम पुलिस का है, लेकिन उसे इस मामले को सुलझाने में कोई रुचि नहीं है.

भाजपा विधायक की फॉर्च्यूनर की चेसिस में छेड़खानी.

हैरान कर रहा है पुलिस का रवैया : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिशा-निर्देशों को ताक पर रखकर पुलिस इस मामले में कुछ भी करना नहीं चाहती, फिर चाहें सरकार की किरकिरी ही क्यों न होती रहे. शायद मामला सत्ताधारी दल के विधायक से जुड़ा होने के कारण पुलिस कार्रवाई करना नहीं चाहती. वरना विधान सभा से लेकर तमाम सरकारी परिसरों में फर्जी नंबर प्लेट लगी गाड़ी के घूमने को लेकर ऐसा क्या है, जिसे उत्तर प्रदेश पुलिस दबाना चाहती है. इस संबंध में जब लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट से बात की गई तो संयुक्त पुलिस कमिश्नर अपराध आकाश कुलहरि ने यह कह कर मामला टाल दिया कि जिस थाना अंतर्गत वह यह गाड़ी शोरूम में इंसोरेंस क्लेम के लिए आई थी, वहां से जानकारी लेकर ही कुछ कहा जा सकता है. चूंकि मामला लखनऊ, प्रतापगढ़ और मेरठ से जुड़ा है, लिहाजा राज्य के स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार से भी इस मुद्दे पर बात करने का प्रयास किया गया. हालांकि उन्होंने इस विषय में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

भाजपा विधायक की संदिग्ध फॉर्च्यूनर.



विधायक ने कहा, पुलिस को दे रहे हैं सूचना : इस संबंध में विधान परिषद सदस्य उमेश द्विवेदी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह दिल्ली में हैं और मंगलवार तक लखनऊ आएंगे. उनका कहना है कि वह गाड़ी के संबंध में पुलिस को सूचित करेंगे. वह बताते हैं कि उन्हें जब इमरजेंसी होती थी, तभी वह इस गाड़ी से चलते थे, अन्यथा यह गाड़ी खड़ी रहती थी. अब उन्हें गाड़ी देने वाले जीवित नहीं हैं. कोरोना वायरस से उनका निधन हो गया था. उनकी पत्नी भी इस विषय में खास जानकारी नहीं दे पा रही हैं. एक-दोबार मैंने गाड़ी ट्रांसफर कराने का भी प्रयास किया, लेकिन आलस में रह गया. उन्होंने कहा कि वह खुद हैरान हैं कि गाड़ी फर्जी है. प्रकरण में उनका कोई रोल नहीं है, चाहें सीबीआई जांच कर ले.




यह भी पढ़ें : फर्जी चेसिस नंबर वाली फॉर्च्यूनर से चल रहे BJP विधायक, मेरठ तक जुड़े तार, क्या है फर्जीवाड़ा?

गाजियाबाद में चोरी के ट्रकों का नंबर बदल कराते थे फाइनेंस, राजस्थान और नागालैंड से जुड़े तार

Last Updated : Dec 18, 2023, 9:47 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details