लखनऊ : राजधानी में मंगलवार को एडिशनल एसपी के 10 वर्षीय बेटे की जान सड़क हादसे में महज इसलिए जान चली गई क्योंकि टक्कर मारने वाले लड़कों को यह देखना था कि उनकी नई गाड़ी कितनी रफ्तार से भाग सकती है. पुलिस ने एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव के 10 वर्षीय बेटे नामिश की जान लेने वाली एक्सयूवी और उनमें सवार दो युवकों देवश्री वर्मा और सार्थक सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के अनुसार देवश्री गाड़ी चला रहा था और सार्थक बगल में बैठा था. फिलहाल दोनों से पूछताछ की जा रही है.
डीसीपी पूर्वी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव के 10 वर्षीय बेटे नामिश की मंगलवार सुबह गोमतीनगर विस्तार स्थिति जी 20 मार्ग पर सड़क हादसे में मौत हो गई थी. जिसके बाद टक्कर मारने वाली गाड़ी की तलाश में टीम गठित की गई थी. सीसीटीवी कैमरों के आधार पर सफेद रंग की एक्सयूवी 700 गाड़ी को चिन्हित किया गया था. टीम ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है.
चाचा की नई गाड़ी की रफ्तार चेक करने पहुंचे थे जी 20 मार्ग :डीसीपी ने बताया कि जिन युवकों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें देवश्री वर्मा पुत्र अभिषेक वर्मा गाड़ी ड्राइव कर रहा था. बगल में बैठे युवक का नाम सार्थक सिंह है. पूछताछ में देवश्री ने बताया कि उनके चाचा अंशुल वर्मा ने एक्सयूवी 700 गाड़ी हाल ही में खरीदी थी. ऐसे में उसने अपने दोस्त सार्थक के साथ मंगलवार सुबह गाड़ी की टेस्ट ड्राइव लेने जी 20 मार्ग पहुंचे थे. इसी बीच दोनों में यह तय हुआ कि आज वे टेस्ट करेंगे कि वे कितनी रफ्तार से गाड़ी चला सकते हैं. ऐसे में देवश्री रॉन्ग साइड में ही गाड़ी पूरी रफ्तार से भगाने लगा. इसी दौरान स्केटिंग प्रैक्टिस कर रहे नामिश के सामने आने पर वे उसे रौंदते हुए फरार हो गए.