लखनऊ : सड़क हादसों को रोकने के लिए प्रयास तो बहुत किए जा रहे हैं, लेकिन हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार हर मंच से परिवहन अधिकारियों को सड़क हादसे रोकने के लिए उपाय करने को कहते हैं, लेकिन इसका कोई असर नहीं होता. अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिवहन विभाग को हर जिले में एक एआरटीओ रोड सेफ्टी तैनात करने का आदेश किया है, जिसके बाद परिवहन विभाग की तरफ से शासन को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है. अब जिले के हर आरटीओ कार्यालय में एक एआरटीओ प्रशासन और एआरटीओ प्रवर्तन के अलावा एक एआरटीओ रोड सेफ्टी भी तैनात रहेगा. इसका काम सड़क हादसों को रोकने के लिए प्लान बनाना, उनकी मॉनिटरिंग करना और लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई करना होगा. ट्रांसपोर्ट कमिश्नर चंद्रभूषण सिंह बताते हैं कि 'बहुत जल्द इस पर शासन की मुहर लग जाएगी और हर जिले में एक एआरटीओ रोड सेफ्टी तैनात किया जाएगा. कुल 75 एआरटीओ रोड सेफ्टी उत्तर प्रदेश में तैनात होंगे.'
सड़क दुर्घटना में प्रतिवर्ष 20 से 22 हजार लोगों की मौत :मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में परिवहन विभाग के कार्यक्रम में कहा था कि 'दुखद है कि सड़क दुर्घटना में प्रतिवर्ष 20 से 22 हजार लोगों की मौत होती है. सड़क दुर्घटना हमारे लिए चिंता का विषय है. हमें अमूल्य जानों को बचाना होगा. हमें प्रयास करना होगा. सरकार भी चले, आप भी चलें, समाज का हर व्यक्ति जागरूक हो. वाहन ओवर स्पीड न चलाएं. नशे का प्रयोग कर वाहन न चलाएं. सड़क नियमों का पालन करें. रोड सेफ्टी पर विशेष तौर पर हमें ध्यान देना होगा. परिवहन विभाग को चाहिए कि हर जिले में एक एआरटीओ रोड सेफ्टी की तैनाती हो, जिससे रोड सेफ्टी पर पूरा ध्यान केंद्रित किया जा सके. मुख्यमंत्री की इस पहल के बाद अब परिवहन विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. परिवहन विभाग की तरफ से एआरटीओ सड़क सुरक्षा और मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर पदों की स्वीकृति के लिए शासन को प्रस्ताव भी भेज दिया गया है. अब इसके बाद शासन बहुत जल्द इन पदों के सृजन का निर्णय लेगा और प्रदेश को 75 नए एआरटीओ रोड सेफ्टी मिल जाएंगे, जिससे परिवहन विभाग में सड़क सुरक्षा का काम और भी बेहतर तरीके से हो सकेगा.
एआरटीओ (रोड सेफ्टी) की होगी तैनाती :हाल ही में राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख सचिव परिवहन विभाग एल वेंकटेश्वर लू से सड़क सुरक्षा में पदों को लेकर जानकारी हासिल की थी. उनकी जानकारी के बाद ही मुख्यमंत्री ने सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) की तरह ही सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (रोड सेफ्टी) भी तैनात करने के लिए पद का सृजन करने को कहा. इसके बाद अब प्रदेश के 75 जिलों में जो एआरटीओ कार्यालय हैं उनमें एक एक एआरटीओ (रोड सेफ्टी) की तैनाती किए जाने का फैसला लिया गया.