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लोककला महोत्सव में 90 के दशक के गानों को सुककर मंत्रमुग्ध हुए श्रोता - 90 के दशक के गानों

राजधानी लखनऊ में आयोजित लोककला महोत्सव के दौरान बुधवार को कलाकारों ने 90 के दशक के गानों पर अपनी सुर लहरी से लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया. ये महोत्सव राजधानी लखनऊ के अलीगंज में पोस्टल ग्राउंड में चल रहा है. जोकि 21 फरवरी तक चलेगा.

पुराने गानों को गाकर दिया प्यार का संदेश
पुराने गानों को गाकर दिया प्यार का संदेश

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Published : Feb 18, 2021, 1:30 PM IST

लखनऊ:राजधानी में आयोजित लोककला महोत्सव के छठे दिन बुधवार को कलाकारों ने 90 के दशक के गानों पर अपनी सुर लहरी से श्रेताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. राजधानी के अलीगंज के पोस्टल ग्राउंड में आयोजित ये महोत्सव 21 फरवरी तक चलेगा. इस लोककला महोत्सव में शामिल होने के लिए देशभर से हस्तशिल्प लखनऊ पहुंचे हुए हैं.

महोत्सव के दौरान बुधवार की शाम आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में राहुल त्रिपाठी, दीपिका सिंह सूर्यवंशी, प्रगति सिंह के संयोजन में डांस वर्ग में रेनू ने 'तेरी अंखियों का जो काजल' पर नृत्य कर खूब तालियां बटोरी. वहीं आरजू ने 'आया आया अटरिया पे कोई चोर' गाने पर बेहतरीन नृत्य कर ओल्ड मेलोडीज की यादें ताजा कर दी. वहीं शालिनी चैधरी ने 'धीरे धीर से मेरी जिंदगी में आना' गाने पर डांस किया.

पुराने गानों को गाकर दिया प्यार का संदेश

इस कार्यक्रम में मोहम्मद हसन ने गीत 'मेरे सपनों की रानी कब आएगी' सुनाकर शाम का रंग और भी रंगीन कर दिया. वहीं राम मनोहर ने 'दिल को देखो चेहरा न देखो' गीत सुनाकर लोगों को सच्चे प्यार की पहचान करने का संदेश भी दिया.

13 साल की बाल गायिका ने दी प्रस्तुति

स्पेशल प्रस्तुति के तहत बाराबंकी से आई 13 साल की बाल गायिका अदिति वर्मा ने एक से बढ़कर एक नगमे सुनाए. तबले पर श्याम, आर्गन पर रंजीत और आक्टोपैड पर आकाश ने संगत दी. वहीं कार्यक्रम का संचालन आयूषी रस्तोगी ने किया.

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