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बलरामपुर अस्पताल के दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र में बनाए जाएंगे कृत्रिम अंग, जल्द लगेगी मशीन

प्रदेश सरकार यूपी में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर काफी गंभीर है. बलरामपुर अस्पताल (Balrampur Hospital in Lucknow) में दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र खोला गया है. दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र में जल्द ही कृत्रिम अंग बनाए जाएंगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 7, 2023, 3:29 PM IST

लखनऊ :राजधानी लखनऊ स्थित बलरामपुर अस्पताल में अब दिव्यांगजन को नि:शुल्क कृत्रिम अंग मुहैया कराए जाएंगे. अस्पताल में ओपीडी ब्लाॅक के सामने फिजियोथेरेपी कक्ष के पास दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र खोला गया है. यह केंद्र आर्थोपेडिक विभाग के चिकित्सकों के परामर्श पर कार्य करेगा. किसी भी निजी केंद्र में या अस्पताल में कृत्रिम अंग के लिए 50 हजार से लाखों रुपए तक का खर्च होता है. अब बलरामपुर अस्पताल में जो भी मरीज कृत्रिम अंग लगवाने के लिए जाएंगे, दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र उनकी पूरी मदद करेगा.




दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र में बनाए जाएंगे कृत्रिम अंग : बलरामपुर अस्पताल में दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र में कृत्रिम अंग बनाए जाएंगे. फिलहाल यहां कृत्रिम हाथ और पैर उपलब्ध कराए जाएंगे. अंग बनाने वाली मशीन अभी लगाई जानी है. केंद्र का संचालन प्रकाश वेलफेयर चैरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट करेगा. इस संस्था के साथ अस्पताल ने करार किया है. केंद्र के संचालक राम प्रकाश ने बताया कि 'लखनऊ में ही कृत्रिम अंग बनाने वाली मशीन बन रही है. हाथ या पैर कट गए हैं या फिर पोलियो है तो ऐसे मरीज आर्थोपेडिक विभाग के चिकित्सकों के परामर्श के आधार पर केंद्र आएंगे. चिकित्सक के सुझाव पर ही उन्हें यहां कृत्रिम अंग प्रदान किए जाएंगे. सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार और शनिवार को केंद्र खोला जाएगा.' अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. हिमांशु चतुर्वेदी ने बताया कि 'जल्द ही कृत्रिम अंग बनाने वाली मशीन को लगाने की तैयारी है. उन्होंने कहा किनिजी केंद्र पर कृत्रिम पैर की औसत कीमत 15 से 20 हजार रुपये आती है. कृत्रिम हाथ बनाने में इससे थोड़ा कम खर्च आता है. हालांकि, अच्छी गुणवत्ता के कृत्रिम अंग के लिए 35-50 हजार से अधिक रुपये भी व्यय करने पड़ते हैं. बलरामपुर अस्पताल में नि:शुल्क कृत्रिम अंग लगने से दिव्यांगों के लिए बड़ी मदद होगी.'


जरूरतमंदों की हो पाएगी मदद : बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. अतुल मल्होत्रा के मुताबिक, 'बहुत सारे मामले ऐसे आते हैं, जिसमें मरीज का अंग भंग हो जाता है. ऐसे में बहुत से मरीजों को कृत्रिम अंग लगाने के लिए डॉक्टर सलाह देते हैं, लेकिन, कई बार ऐसा देखा गया कि गरीब वर्ग के दिव्यांगजन के पास इतने पैसे नहीं होते हैं कि वह कृत्रिम अंग हजारों रुपए के लगवा सके. निजी अस्पतालों में इसकी कीमत बहुत अधिक है. इसके बारे में एक गरीब वर्ग का मरीज नहीं सोच सकता है, क्योंकि उसके पास कोई भी आय का साधन नहीं होता है. ऐसे में बलरामपुर अस्पताल में जल्दी दिव्यांगजन केंद्र खोला जा रहा है. इस केंद्र की मदद से बहुत से जरूरतमंदों की मदद हो पाएगी.'

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