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दिव्यांगजनों की शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस साबित होगा वरदान - artificial intelligence

राजधानी लखनऊ में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबपोसियम का आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय की ओर से किया जाएगा. वहीं एकेटीयू के कुलपति प्रोफेसर ने वेबपोसियम के दौरान कहा कि दिव्यांगजन के उन्नयन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जानी चाहिए.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
दिव्यांगजन की शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की लेनी चाहिए मदद.

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Published : May 15, 2020, 7:12 PM IST

लखनऊ: एकेटीयू के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने विशेष आवश्यकता वाले व्यक्तियों पर केंद्रित वेबपोसियम के दौरान कहा कि दिव्यांगजन के उन्नयन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद लेनी चाहिए. इसका प्रयोग विशेष लोगों की शिक्षा में भी किया जा सकता है .

दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबपोसियम का आयोजन
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय की ओर से दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबपोसियम का आयोजन किया जा रहा है. विशेष आवश्यकता वाले व्यक्तियों के लिए सार्वभौमिक डिजाइन पर केंद्रित इस आयोजन को डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ, नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर विजुअल डिसेबिलिटी देहरादून, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा ,महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय बरेली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
एकेटीयू के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक ऐसा उपकरण है जिसके माध्यम से दिव्यांगजन के उन्नयन और पुनर्वास की तकनीक विकसित की जा सकती है. इसकी मदद से पहले भी ऐसे कई उपकरण विकसित किए गए हैं, जिनकी टेस्टिंग भी की जा रही है. उन्होंने कहा कि एकेटीयू कोलैबोरेटिव रिसर्च में विश्वास रखता है. यूनिवर्सल डिजाइन की अवधारणा को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से मूर्त रूप प्रदान करने के लिए कोशिश की जा रही है.

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