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फर्जी दस्तावेज के लिए रोहिंग्याओं ने दी थी रिश्वत, रिमांड पर आरोपी नूर आलम ने उगले कई राज - Rohingyas revealed many secrets

पुलिस कस्टडी रिमांड पर पूछताछ में नूर आलम ने बताया कि किस वह तरह रोहिंग्याओं को पश्चिम बंगाल में दाखिल कराने के बाद फर्जी दस्तावेजों के सहारे यूपी भेजता था. इन्हीं फर्जी दस्तावेजों की मदद से भारतीय पासपोर्ट बनाकर उन्हें खाड़ी के देशों में भेजा जाता था.

फर्जी दस्तावेज बनवाने को रोहिंग्याओं ने दी थी रिश्वत
फर्जी दस्तावेज बनवाने को रोहिंग्याओं ने दी थी रिश्वत

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Published : Jun 11, 2021, 11:33 AM IST

Updated : Jun 11, 2021, 11:40 AM IST

लखनऊः अवैध रूप से रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश के रास्ते भारत में दाखिल कराने वाले मास्टरमाइंड नूर आलम ने एटीएस की पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं. 5 दिनों की रिमांड पर लखनऊ लाए गए नूर आलम ने एटीएस अफसरों को बताया कि यूपी और एनसीआर के अलग-अलग जिलों में फर्जी दस्तावेज बनवाने के लिए विभागीय कर्मियों को रिश्वत दी गई थी.

इतना ही नहीं एटीएस कस्टडी रिमांड पर पूछताछ में नूर आलम ने बताया कि वह किस तरह रोहिंग्याओं को पश्चिम बंगाल में दाखिल कराने के बाद फर्जी दस्तावेजों के सहारे यूपी भेजता था. इन्हीं फर्जी दस्तावेजों की मदद से भारतीय पासपोर्ट बनाकर उन्हें खाड़ी के देशों में भेजा जाता था. सूत्रों के अनुसार एटीएस जल्द ही इस रहस्य से पर्दा उठाएगी कि कितने रोगियों को यूपी में दाखिल कराया गया है.

पढ़ें-यूपी एटीएस की बड़ी कार्रवाई, अवैध रूप से रह रहे दो रोहिंग्या गिरफ्तार

ATS ने नूर और आमिर को गाजियाबाद से दबोचा

बता दें कि यूपी एटीएस (ATS) ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद के डासना इलाके से दो अवैध रोहिंग्या को गिरफ्तार किया था. दोनों आरोपी फर्जी दस्तावेजों से भारत में रह रहे थे. इन लोगों के पास से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड, यूएनएचसीआर कार्ड, मोबाइल और 70 हजार रुपए कैश बरामद हुआ था. पकड़े गए आरोपी बीते जनवरी माह से एटीएस के न‍िशाने पर थे. यूपी एटीएस प्रभारी जीके गोस्वामी के मुताबिक, आरोपी भारत में अवैध रूप से रोहिंग्याओं की घुसपैठ कराते थे. उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपियों की पहचान मेरठ में रह रहे नूर आलम उर्फ रफीक और नई दिल्ली में रह रहे आमिर हुसैन के रूप में हुई थी.

संतकबीरनगर से पकड़े गए अजीजुल्लाह का बहनोई है नूर आलम

एटीएस के मुताबिक, प‍िछले 6 जनवरी को यूपी एटीएस की टीम ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारत में निवास करने वाले म्यांमार के नागरिकों को गिरफ्तार किया था. इस संबंध में लखनऊ स्थित एटीएस के थाने पर केस भी दर्ज किया गया था.

बताया गया कि एटीएस द्वारा जनवरी 2021 में अजीजुल्लाह नाम के रोहिंग्या की भी गिरफ्तारी की गई थी. दर्ज किए गए केस और अजीजुल्लाह से पूछताछ के बाद एटीएस को उसके बहनोई नूर आलम उर्फ रफीक की तलाश थी. एटीएस ने नूर आलम और उसके साथी आमिर हुसैन को गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया.

Last Updated : Jun 11, 2021, 11:40 AM IST

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