लखनऊ : भारतीय सशस्त्र बलों की जीत का जश्न मनाने और शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए 11 जीआरआरसी, लखनऊ छावनी के युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया गया. 24वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर युद्ध नायकों का सम्मान करने के लिए मध्य कमान के सभी रैंकों की ओर से मध्य कमान के लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, जीओसी-इन-सी ने स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की.
लखनऊ छावनी में मनाया गया कारगिल विजय दिवस समारोह, रणबांकुरों को दी गई श्रद्धांजलि
कारगिल विजय के 24वें दिवस के अवसर पर युद्ध नायकों का सम्मान करने के लिए मध्य कमान के सभी रैंकों की ओर से लखनऊ छावनी में स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की गई. इस दौरान मध्य कमान के लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, जीओसी-इन-सी आदि मौजूद रहे.
कारगिल युद्ध जिसे ऑपरेशन विजय नाम से भी जाना जाता है. लगभग 16 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया था. जिसमें 1,042 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे और 527 भारतीय सैनिकों ने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया था. इन जवानों में लखनऊ के कैप्टन मनोज पांडेय भी शामिल थे. जिन्होंने इस युद्ध में अदम्य साहस और पराक्रम का परिचय दिया था. उन्होंने पाकिस्तानी सेना के बैंकरों को नेस्तनाबूद कर दिया था. उनकी बदौलत ही कारगिल चोटी पर भारतीय सेना ने फतह हासिल की थी. हालांकि इस चोटी पर विजय पताका फहराने के बाद कैप्टन मनोज पांडेय शहीद हो गए थे, लेकिन उनकी वीरता के लिए भारत सरकार की तरफ से मरणोपरांत भारतीय सेना का सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र दिया गया. कैप्टन मनोज पांडेय के अलावा मेजर रितेश शर्मा और राइफलमैन सुनील जंग की भी बहादुरी की वीर गाथाएं प्रचलित हैं.