लखनऊ: उत्तर प्रदेश के इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेजेस इस बार नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) रैंकिंग से बच नहीं पाएंगे. इन सभी को बताना होगा कि उनके संस्थानों में पढ़ाई का स्तर क्या है? उन्होंने छात्रों को पढ़ाने के लिए किस तरह की फैकल्टी नियुक्त की है? पर्याप्त संसाधन उपलब्ध है कि नहीं? डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) ने सभी 763 कॉलेजों को इस बार एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए आवेदन करने के निर्देश दिए हैं.
गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से देश के उच्च शिक्षण संस्थानों को एक रैंकिंग जारी की जाती है. नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिग फ्रेमवर्क (NIRF) देश की टॉप यूनिवर्सिटीज, कॉलेज और अन्य शैक्षिक संस्थानों को परफॉरमेंस के आधार पर रैंकिंग देने का काम करता है. NIRF की रैंकिंग की शुरुआत 2015 में की गई थी.
इस रैंकिंग की शुरुआत भले ही 2015 में की गई है लेकिन अभी भी उत्तर प्रदेश के 95% उच्च शिक्षण संस्थान इससे दूरी बनाए हुए हैं. इसको देखते हुए डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय की ओर से बीते दिनों अपने सभी 763 इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी समेत अन्य पाठ्यक्रम संचालित करने वाले शिक्षण संस्थानों को एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए आवेदन करने के निर्देश दिए थे.
बावजूद इसके बड़ी संख्या में शिक्षण संस्थानों ने आवेदन नहीं किया है. ऐसे कॉलेजों की संख्या 500 से ज्यादा बताई जा रही है. विश्व विद्यालय की तरफ से ऐसे शिक्षण संस्थानों की सूची तैयार की गई है जिन्होंने अभी तक एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए आवेदन नहीं किया है. इन सभी को नोटिस जारी किया गया है. जिलेवार बैठक का कार्यक्रम तय कर दिया गया है.
आगरा, मथुरा, गाजियाबाद, बिजनौर, मुरादाबाद, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, अलीगढ़, सहारनपुर एवं बुलन्दशहर में जिन संस्थाओं ने NIRE Ranking में पंजीयन कराया है परन्तु इसकी सूचना विश्वविद्यालय को प्रेषित नहीं की है. इन सभी संस्थाओं को 10 जनवरी को प्रातः 11.00 बजे विश्वविद्यालय के नोएडा परिसर सी -22 , सेक्टर -62 नोएडा में स्थित सभागार में NIRF Ranking के संबंध में एक बैठक बुलाई गई है.