लखनऊ:परिवहन विभाग के लिए लर्नर लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदकों का काफी कम संख्या में आना इन दिनों चिंता का सबब बना हुआ है. लखनऊ समेत 5 जिले ऐसे हैं जहां पर लर्नर लाइसेंसआवेदकों की तादाद काफी घट गई है. लखनऊ में रोजाना 450 लाइसेंस का स्लॉट है, लेकिन 150 लेकर 160 के बीच ही लोग अपना लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदन कर रहे हैं. अधिकारियों के लिए ये फिक्र की बात है क्योंकि परिवहन विभाग को इससे घाटा हो रहा है. अधिकारी इसके पीछे एक बड़ा कारण ये मानते हैं कि हो सकता है भविष्य में घर बैठे लर्नर लाइसेंस बन जाने की प्रक्रिया शुरू होने की बात सोचकर आवेदक आरटीओ कार्यालय आने से दूरी बना रहे हों. उन्हें लग रहा होगा कि कुछ दिन बाद लर्नर लाइसेंस घर से जारी हो जाएगा तो इंतजार कर लिया जाए.
कोरोना के संक्रमण से लॉकडाउन लगने के बाद आरटीओ कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस का काम पूरी तरह से ठप हो गया. महीनों बाद जब लॉकऑन हुआ तो बड़ी संख्या में लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदकों ने आवेदन करना शुरू कर दिया, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के चलते परिवहन विभाग ने सभी आरटीओ कार्यालयों के लिए स्लॉट की संख्या निर्धारित कर दी. इसका नतीजा यह हुआ कि आवेदक लाइसेंस के लिए आवेदन तो कर रहे थे लेकिन उन्हें टाइम स्लॉट 2 या 3 महीने बाद तक का मिल रहा था. इसकी वजह से आवेदकों को काफी दिक्कतें आईं. इतना ही नहीं अपने टाइम स्लॉट के मुताबिक जब आवेदक आरटीओ कार्यालय पहुंच रहे थे तो कभी सर्वर डाउन रहना और कभी ठप रहने के चलते काम न हो पाने से भी उन्हें मायूसी हो रही थी. उस दिन के स्लॉट आगे के दिनों के लिए निर्धारित किए जा रहे थे. इससे लर्नर लाइसेंस बनवाने की ख्वाहिश रखने वाले आवेदकों की समस्याएं बढ़ गईं. लिहाजा, अब आवेदक अपना लाइसेंस बनवाने से ही कतराने लगे हैं.
शुरू हुआ है घर बैठे लर्नर लाइसेंस का परीक्षण