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'अपनी सेना को जानें' कार्यक्रम का आयोजन, जवान बोले- वेश बदलकर ऐसे लेते हैं शत्रु की जान - यूपी ताजा समाचार

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सेना के जवानों द्वारा 'अपनी सेना को जानें' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में लोगों को सेना द्वारा बनाए जाने वाले बंकरों और दुश्मनों से जंग लड़ने के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई.

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अपनी सेना को जानें कार्यक्रम का आयोजन.

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Published : Jan 22, 2020, 11:17 PM IST

लखनऊ: देश में युद्ध की स्थिति हो या फिर सीमा पर तनातनी, उस दौरान जमीन के अंदर सेना के जवान बंकर बनाते हैं. जमीन के 4 फीट नीचे अंडरग्राउंड बने इस बंकर की दुश्मन को खबर भी नहीं होती है. बंकर में दुश्मन को ठिकाने लगाने के लिए जो भी सामान जरूरी होता है, वह वहां पर मौजूद रहता है.

'अपनी सेना को जानें' कार्यक्रम का आयोजन.
युद्ध के दौरान किस तरह जमीन के अंदर बनता है 'बंकर'
लखनऊ में मध्य कमान की तरफ से 'अपनी सेना को जानें' कार्यक्रम में इसी तरह का बंकर बनाकर तैयार किया गया है. लोगों को यह जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा है कि कैसे ये बंकर बनता है और इसमें जवानों के लिए क्या-क्या जरूरी सामान मौजूद रहता है. 'ईटीवी भारत' ने जमीन के अंदर बनाए गए बंकर के बारे में नायक सूबेदार गुरुप्रीत सिंह से बात की गई तो उन्होंने इसके बारे में विस्तार से बताया.
कैसै बनाया जाता है बंकर
नायक सूबेदार गुरमीत सिंह बताते हैं कि जवानों के सोने के लिए चारपाई रहती है. ऐसी चारपाई रहती है, जिसे हम आसानी से कैरी कर सकें. इसके अंदर काफी सामान रहता है, जिस तरह के इंस्ट्रूमेंट जवानों को जरूरत पड़ते हैं, उनको रखा जाता है.
'अपनी सेना को जानें' कार्यक्रम में बनाए गए बंकर.
बंकर में रखा जाता है ये जरूरी सामान
उन्होंने बताया कि बटालियन के लिए रेडियो सेट रहता है. कंपनी में दूसरी पोस्ट से बात के लिए रेडियो सेट मोटरोला का रहता है. इसके अलावा कम्युनिकेशन के लिए टेलीफोन भी रहता है. जीपीएस भी रखा जाता है, कंपास भी सामान में साथ रहता है. इसके अलावा ब्रीफिंग करने के लिए उस इलाके का मैप रहता है, जो ऑपरेशनल इलाका है, उसकी ब्रीफिंग के लिए डेप्लॉयमेंट बटालियन बनाई जाती है.

नायक सूबेदार गुरमीत सिंह बताते हैं कि जमीन के ऊपर जो बंकर बनते हैं, उसमें सैंड बैग लगाकर उसके ऊपर ओवरहेड कवर किया जाता है. उसके ऊपर दो से तीन फीट मिट्टी डाली जाती है. ऊपरी बंकर में एलएमजी के साथ जवान हमेशा मुस्तैद रहते हैं. इस तरह जमीन के कई फीट अंदर और जमीन से ऊपर बंकर बनाकर सेना के जवान देश के दुश्मनों की हर गतिविधि पर पैनी नजर रखते हैं. पल भर में ही दुश्मनों को धूल चटा देते हैं.

वेश बदलकर ले लेते हैं शत्रु की जान
परिस्थितियां चाहे कितनी भी विपरीत क्यों न हों भारतीय सेना के बहादुर सैनिक हर परिस्थिति में खुद को ढालकर दुश्मन को नेस्तनाबूद करने के लिए तत्पर रहते हैं. पहाड़ों पर अगर बर्फ गिरती है तो वह बर्फ की चादर की तरह ड्रेस पहनकर दुश्मन की आंखों में धूल झोंकने में कामयाब होते हैं. जंगल में पेड़-पौधों और घास-फूस जैसी ड्रेस पहनकर दुश्मनों को चकमा देने में सक्षम हैं.

जब भी अचानक जरूरत पड़े तो उसके लिए हर पल दुश्मन की जान लेने का सामान लेकर साथ चलते हैं. यही वीर जवान हमारे प्राणों की रक्षा करते हैं और देश का गौरव बढाते हैं. किस तरह अलग-अलग परिस्थितियों में सेना के जवान वेश बदलकर दुश्मनों की मौत का सामान लेकर चलते हैं. इसके बारे में 'ईटीवी भारत' ने भारतीय सेना के रणबांकुरों से बात की.

दुश्मन को ऐसे ड्रेस बदलकर देते हैं चकमा
जवान गुरुप्रीत सिंह बताते हैं कि उन्होंने जो ड्रेस पहनी है, उसे टैक्टिकल ड्रेस कहते हैं. किसी भी दुश्मन के बंकर पर उसके पार जाकर दुश्मन को साइलेंस करना है तो उस समय इस ड्रेस का इस्तेमाल किया जाता है.
इसके अलावा फर्स्ट ऐड भी टैक्टिकल ड्रेस में साथ रखने की व्यवस्था है, जिससे जरूरत पड़ने पर तत्काल दवाओं का इस्तेमाल किया जा सके. सिख रेजीमेंट की सेरेमनी के समय जो परंपरागत ड्रेस सिख रेजीमेंट के जवान धारण करते हैं, जवान उसका प्रदर्शन भी 'अपनी सेना को जानें' कार्यक्रम में कर रहे हैं.
बर्फ और दुश्मन से कैसे लड़ते हैं जवान
बर्फ की चादर के बीच हमारे सेना के जवान किस तरह का वेश धारण करते हैं और दुश्मन को पास आते ही मौत की नींद सुला देते हैं. इसके बारे में जवान आशीष सिंह बताते हैं कि बर्फ के बीच हम इस तरह की ड्रेस पहनते हैं और सैकड़ों मीटर दूर मौजूद दुश्मन को आसानी से मार सकते हैं. बर्फ जैसी ड्रेस में दुश्मन को नजर ही नहीं आता कि यहां पर जवानों की मौजूदगी भी है और इसी का फायदा उठाकर हथियारों से लैस हम दुश्मन को मौत के घाट उतार देते हैं.

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