भरतपुर: असहाय, लाचार और लावारिस लोगों के लिए खुद के घर जैसा सहारा देने वाले अपना घर आश्रम में बुधवार को उस समय हर कोई भावुक हो गया जब 21 साल बाद एक बेटा अपने पिता से मिला. उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिला के फाजिलनगर गांव के रहने वाले बैजनाथ गुप्ता 21 साल बाद जब अपने बेटे और भाई से मिले तो सभी गले से लिपट कर देर तक रोते रहे.
लावारिस हालत में अपना घर आश्रम लाए गए बैजनाथ गुप्ता अब काफी हद तक स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए. इतना ही नहीं बैजनाथ ने जिस बेटी को महज डेढ़ साल की उम्र का देखा था अब उसका 26 अप्रैल 2020 को कन्यादान कर डोली में भी विदा कर सकेंगे.
ऐसे हुए लापता
यूपी के फाजिलनगर के रहने वाले वैद्यनाथ गुप्ता 22 साल की उम्र में अपने घर वालों से उस समय बिछड़ गए थे, जब उनकी बेटी मात्र डेढ़ साल और बेटा महज 3 वर्ष का था. वर्ष 1999 में बैजनाथ गुप्ता पंजाब में एक मिठाई की दुकान पर काम करने के बाद अचानक गायब हो गए थे. उनके परिजनों ने उनको ढूंढने का हरसंभव प्रयास किया. लेकिन कोई सफलता नहीं मिलने पर थक हारकर बैठ गए.
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सूचना पाकर बुधवार को 21 साल बाद जब बैजनाथ का जवान हो चुका बेटा अवधेश अपने चाचा दीनबंधु के साथ अपने पिता को लेने भरतपुर के अपना घर आश्रम पहुंचा. यहां जैसे ही पिता-पुत्र और साथ आए बैजनाथ के भाई की नजरें मिली तो सभी एक दूसरे से लिपट कर देर तक रोते रहे. पिता पुत्र और भाई के मिलन को देखकर वहां मौजूद हर कोई भावुक हो गया.