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अतीत कभी भविष्य के बराबर नहीं होता, समाजवादी राजनीति में नई लकीर खींचती अपर्णा यादव

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आज पूरी दुनिया, समाज के उत्थान इसकी प्रगति और गतिशीलता पर महिलाओं के योगदान की चर्चा कर रही है. किसी भी देश और समाज को आगे ले जाने में दुनिया के इस आधी आबादी के प्रयासों को नकारा नहीं जा सकता. राजनीति से लेकर उद्योग जगत तक, समाजसेवी से लेकर प्रोफेशनल कार्यों तक में महिलाओं ने अपना लोहा मनवाया है. ऐसे में आज जब एक सशक्त महिला और नारी उत्थान की बात करेंगे तो उत्तर प्रदेश की उभरती प्रखर वक्ता और नेता अपर्णा यादव इसके हर पहलुओं पर फिट बैठती दिखाई देंगी.

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Published : Mar 8, 2021, 1:23 PM IST

समाजवादी राजनीति में नई लकीर खींचती अपर्णा यादव
समाजवादी राजनीति में नई लकीर खींचती अपर्णा यादव

लखनऊः ताकतवर राजनीतिक घरानों में से एक यानि मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव की शख्सियत किसी के परिचय की मोहताज नहीं है. एक प्रखर नेता के रूप में उभरीं अपर्णा यादव की अपनी खुद की एक पहचान है. राजनीतिक कौशल तो वो दिखा ही चुकी हैं. राजनीति और समाजसेवा से अलग इंटरनेशनल विमेंस डे के मौके पर अपर्णा यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान अपने गायकी का कौशल भी दिखाया, जो इस बात को दर्शाता है कि अपर्णा को राजनीतिक भले ही विरासत में मिली हो, लेकिन इसमें कैसे जिया जाता है यह उन्हें वह बखूबी मालूम है.

समाजवादी राजनीति में नई लकीर खींचती अपर्णा यादव

'पीएम मोदी देश के हीरो'

अपर्णा यादव की प्रखरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वे एक ओर तो मुलायम सिंह यादव को अपना राजनीतिक गुरु बता रही हैं, तो वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी के तारीफों के कसीदें भी गढ़ रही हैं. पीएम मोदी की तारीफ कर वे एक तीर से दो निशाने साध रही हैं, दरअसल, मुलायम कुनबे में सब कुछ सही नहीं चल रहा, जबतक नेता जी हैं, तबतक तो ठीक है, लेकिन इसके बाद एसपी सुप्रीमो अखिलेश ही पार्टी में सबका भविष्य तय करेंगे. ऐसे में दूसरा राजनीतिक विकल्प तैयार करना उनकी दूरदर्शिता को भी दर्शाता है. तभी तो प्रभु श्री राम के बारे में भी बोलना वो नहीं भूंलीं, जो बीजेपी की राजनीतिक का अहम हिस्सा है.

राजनीति के बाद अपर्णा का दूसरा पहलू समाजसेवा का भी है. जिसके लिये अक्सर वो चर्चा में भी रहती हैं. तभी तो उन्होंने इंटरनेशनल विमेंस डे पर बड़े ही बेबाकी से अपनी बात रखी. उन्होंने महिलाओं की सहनशीलता की तुलना पृथ्वी से की. अपर्णा यादव की अबतक की राजनीतिक से आपको यह अंदाजा तो लग ही गया होगा कि वो समाजसेवा के साथ-साथ राजनीतिक के शतरंज की अब वो मास्टर हो चुकी हैं. यानि समाजवादी कुनबे में एक और पॉलिटिशियन ने दस्तक दे दी है. जो विपक्ष के लिए एक खतरे की घंटी है.

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