लखनऊ: कोरोना की वैक्सीन लोगों के लिए कितना असरदार है, इसको लेकर एरा मेडिकल कॉलेज लखनऊ में शोध हुआ है. शोध में पता चला कि कोविशील्ड की डबल डोज लेने वाले 93.7 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी मिली है. वहीं महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में एंटीबॉडी का लेवल हाई रहा है.
246 स्वास्थ्यकर्मियों पर हुआ शोध
शोध टीम के सदस्य और एडिशनल मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ. सिद्धार्थ चंदेल के मुताबिक वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके कुल 246 स्वास्थ्यकर्मियों का लॉट्री के माध्यम से चयन किया गया. इसके बाद उनके शरीर में बनने वाली विकसित एंटीबॉडी पर रिसर्च शुरू किया गया. चयनित स्वास्थ्य कर्मियों में 34 डॉक्टर, 35 नर्सिंग स्टाफ, 65 पैरामेडिकल, 71 हाउस कीपिंग और 42 सुरक्षाकर्मी शामिल रहे. इन सभी पर कोविड एंटीबॉडी का आंकलन 1 से 4 महीने के अंतराल पर किया गया. यह सभी कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके थे. शोध में 156 पुरुषों और 90 महिलाओं को शामिल किया गया. इनमें 32.5 फीसदी स्वास्थ्यकर्मी 40 से 49 आयु वर्ग के और 11 यानि 4.5 फीसदी 60 वर्ष से अधिक के थे.
बुजर्गों में कम बन रही एंटीबॉडी
वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के एक माह के बाद की रिसर्च में 93.1 प्रतिशत यानि 229 लोगों में एंटीबॉडी पायी गयी. सिर्फ 17 लोग यानि 6.9 फीसदी लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी नहीं मिली. जिन स्वास्थ्यकर्मियों में एंटीबाडी नहीं मिली उनमें 27.3 फीसदी 60 वर्ष से ऊपर के थे. 18 से 29 वर्ष आयु के मात्र मात्र 1.5 फीसदी स्वास्थ्य कर्मी थे. इन 17 लोगों में 6 महिलाएं हैं.