लखनऊ : उत्तर प्रदेश में नशे के सौदागरों पर लगाम लगाने व युवाओं को नशे से बचाने के लिए बनाए गई डेडिकेटड एजेंसी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स बीते एक साल से संसाधनों की कमी से जूझ रही है. यूपी एसटीएफ जैसी एजेंसियों के लिए अत्याधुनिक उपकरण खरीदे जा रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि जिस मंशा के साथ उत्तर प्रदेश से ड्रग्स के कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया था वो संसाधनों और अधिकारियों की कमी के चलते कैसे पूरा हो पाएगा.
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स. एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन 23 अगस्त 2022 को किया गया था. इसका हेड ऑफिस डीजीपी मुख्यालय सिग्नेचर बिल्डिंग के टॉवर 1 के थर्ड फ्लोर में बनाया गया है. इस फोर्स को लीड करने के लिए 2006 बैच के आईपीएस अब्दुल हमीद को डीआईजी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स बनाया गया था. महज कुछ दिनों के बाद एक एडिशनल एसपी व छह डिप्टी एसपी की भी तैनाती कर दी गई थी. जिनमें दो को मुख्यालय व चार को जिलों में तैनाती दी गई थी. शासन की ओर से दावा किया गया था कि यह फोर्स यूपी से नशे के धंधे को जड़ से उखाड़ फेंकेगा. डार्क वेब के जरिये हो रहे ड्रग्स व्यापार के नेक्सस को खत्म करने के साथ ही पड़ोसी देशों से होने वाली मादक पदार्थों की तस्करी में भी लगाम टास्क फोर्स लगाएगी. अब जब इस टास्क फोर्स का गठन हुए 11 महीने बीत चुके हैं अब जब टास्क फोर्स द्वारा किए गए कार्यों को देखे तो महज 65 कुंतल ड्रग्स ही बरामद किया जा सका है. जिसमें सबसे अधिक 25 क्विवंटल गांजा बरामद हुआ है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स आखिर क्यों अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पा रही है.
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स.
अगस्त 2022 में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया गया था. जिसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश में हो रही हाईटेक तरीके से ड्रग्स की तस्करी को रोकने और नशे के सौदागरों को धर दबोचना था, लेकिन गठन से अब तक टास्क फोर्स को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए महज 36 लाख का बजट दिया गया है. इससे फोर्स को जरूरी उपकरण जैसे थानों, यूनिट और मुख्यालय में मौजूद सर्विलांस के लिए कंप्यूटर, सर्विलांस उपकरण खरीदने थे. ऐसे में इस छोटे बजट से टास्क फोर्स में जो उपकरण खरीदे गए वह एक जिले के सर्विलांस सिस्टम से भी निम्न स्तर के हैं. जिनसे राज्य में हो रहे ड्रग्स के धंधे को चोट पहुंचाना फोर्स के लिए मुश्किल खड़ी कर रहा है. एसटीएफ ड्रग्स तस्करों को पकड़ने और उनका नेक्सस निस्तानबूत करने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तमाल कर रही है. उनका सर्विलांस सिस्टम बेस्ड मॉनिटरिंग सिस्टम है, जिसकी कीमत ही एक करोड़ से अधिक की है.
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स.
ड्रग्स की बरामदगी में STF व पुलिस से फिसड्डी निकली ANTF : आंकड़ों में नजर डालें तो सिर्फ ड्रग्स पकड़ने की जिम्मेदारी संभाल रही एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने 23 अगस्त, 2022 से अब तक 108 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया और 65 क्विवंट मादक पदार्थों की बरामदगी की. जबकि तमाम घोटालों की जांच करने और कुख्यात अपराधियों पर कार्रवाई करने वाली एसटीएफ ने जनवरी 2022 से जुलाई 2023 तक कुल 315 व्यक्तियों की गिरफ्तारी करते हुए 230 कुंतल मादक पदार्थों की बरामदगी की है.
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