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PWD में 40 करोड़ की टेंडर प्रक्रिया में खेल, जिम्मेदारों सें मांगा गया जवाब

लोक निर्माण विभाग में 40 करोड़ के सड़क निर्माण की टेंडर प्रक्रिया में एक नया खेल सामने आया है. टेंडर प्रक्रिया में न्यूनतम दर का प्रस्ताव वापस करने के मामले के बाद जिम्मेदार अभियंताओं को चार्जशीट देकर उनसे जवाब मांगा गया है.

लोक निर्माण विभाग.
लोक निर्माण विभाग.

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Published : Jul 1, 2021, 11:35 AM IST

लखनऊ:लोक निर्माण विभाग की 40 करोड़ के सड़क निर्माण की टेंडर प्रक्रिया में एक नया खेल सामने आया है. टेंडर प्रक्रिया में न्यूनतम दर का प्रस्ताव वापस करने के मामले के बाद जिम्मेदार अभियंताओं को चार्जशीट देकर उनसे जवाब मांगा गया है. जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

40 करोड़ के टेंडर में न्यूनतम दर फर्म को किया वापस
लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत श्रावस्ती जिले में लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं ने एक बड़ा खेल को अंजाम दिया. 40 करोड़ के सड़क निर्माण के टेंडर को न्यूनतम दर का प्रस्ताव मिलने के बावजूद उसे निरस्त कर दिया गया. जोकि बड़ी विभागीय लापरवाही मानी जा रही है. मामला संज्ञान में आने पर शासन ने बहराइच के अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार व श्रावस्ती के अधिशासी अभियंता सर्वेश कुमार को आरोप पत्र देकर जवाब मांगा है.

श्रावस्ती में होना है सड़क निर्माण का कार्य
लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार श्रावस्ती में बहराइच तक दरी राजमार्ग के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया कराई गई थी. यह करीब 17 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण को लेकर 40 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया था. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हुई तो 6 फर्मों ने सड़क निर्माण के लिए अपने टेंडर डाले थे. टेंडर प्रक्रिया शुरू हुई तो टेक्निकल बिड के बाद फाइनेंशियल बिड भी खोल दी गई.

सबसे कम दर यानी एल1 को नहीं दिया सड़क बनाने का काम, निरस्त किया टेंडर
सबसे कम दर यानी एल 1 और उससे ज्यादा रेट वाली L2 फर्म की दर में ही करीब ₹5 करोड़ का अंतर सामने आया था. नियमानुसार टेंडर प्रक्रिया में शामिल एल1 को तत्काल कार्य आवंटित कर देना चाहिए था, लेकिन बहराइच और श्रावस्ती के इंजीनियरों ने ऐसा नहीं किया और टेंडर प्रक्रिया को ही निरस्त कर दिया. साथ ही फिर से टेंडर प्रक्रिया शुरू कराई जो एक बड़ी लापरवाही और अनियमितता के रूप में सामने आई है.

2 वरिष्ठ अभियंताओं को पत्र देकर मांगा गया जवा
यह मामला जब लोक निर्माण विभाग मुख्यालय व शासन के संज्ञान में आया तो अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार व अधिशासी अभियंता सर्वेश कुमार को आरोप पत्र देकर उनसे जवाब मांगा गया है. जानकारी के अनुसार टेंडर प्रक्रिया में लापरवाही और अनुशासन नियमावली के नियम 7 के तहत आरोप पत्र भेजे गए हैं. अधिकारियों का कहना है कि कर्मचारी सेवा नियमावली में नियम 7 के तहत यह प्रावधान है कि आरोप स्पष्ट होने पर कठोर दंड भी दिया जाएगा. इस पूरे घटनाक्रम और टेंडर प्रक्रिया में कई अन्य इंजीनियरों की भी भूमिका तलाशी जा रही है. जिससे पारदर्शी तरीके से सभी संबंधित जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके.

जवाब आने के बाद होगी कार्रवाई
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने कहा है कि टेंडर प्रक्रिया में शिकायत मिलने पर आरोप पत्र दिए गए हैं. अधीक्षण अभियंता व अधिशासी अभियंता को आरोप पत्र देकर जवाब मांगा गया है. इसके बाद आगे की नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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