लखनऊ:राज्य का आवास विभाग अब लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना को विस्तार देने जा रहा है. इसके तहत चारबाग से बसंतकुंज तक मेट्रो चलाई जाएगी. यह परियोजना पिछले पांच साल से रुकी हुई है. इस रूट पर रोजाना लाखों लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसलिए राज्य सरकार ने मेट्रो रेल कारपोरेशन को हिदायत दी है कि 2018 में जो डीपीआर इस रूट की पास की गई थी. उसका नए सिरे से अवलोकन कर लिया जाए और बदलाव करके उसे राज्य सरकार के समक्ष पेश किया जाए. जिससे इस रूट को भी जल्द ही शुरू करके पुराने शहर के लाखों लोगों को राहत दी जा सके.
लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना का जब पहला डीपीआर बना था. तो इसमें 2 फेस थे. 1 फेस अमौसी से मुंशीपुलिया तक था जो कि करीब 23 किलोमीटर का है. यह सितंबर 2017 में शुरू हो गया था. जबकि, दूसरा जो कि करीब 16 किलोमीटर का है वह चारबाग से बसंत कुंज के बीच बनाया जाना था. लेकिन, योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार में इस काॅरिडोर पर काम शुरू नहीं हो सका. सरकार लखनऊ के अतिरिक्त अन्य जिलों में भी मेट्रो रेल परियोजना (Metro rail project in other districts also) को चलाना चाहती थी. इसलिए आगरा, कानपुर और अन्य जिलों में मेट्रो के काम ने तेजी पकड़ी. जबकि, लखनऊ में ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर पर जमीनी काम नहीं किया जा सका.
अब कानपुर मेट्रो का काम पूरा हो चुका है और आगरा मेट्रो पर भी काम अंतिम दौर में है. ऐसे में पुराने लखनऊ को जोड़ने वाले अति महत्वपूर्ण काॅरिडोर पर भी काम किया जाएगा. इस काॅरिडोर में कुल 16 स्टेशन हैं, जिनमें से आठ स्टेशन अंडरग्राउंड और बाकी बचे 8 स्टेशन एलिवेटेड बनाए जाएंगे. लगभग 6000 करोड़ रुपए का खर्च प्राथमिक अनुमानों के हिसाब से इस रूट पर आना है. चारबाग में ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर और नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर आपस में मिल जाएंगे. इससे यात्रियों को बहुत फायदा होगा. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने इस संबंध में शासन से पत्राचार किया है.