लखनऊ : 100 साल बाद भारत वापस आ रही मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति शनिवार शाम लखनऊ पहुंची. इस दौरान लखनऊ के बॉर्डर पर महापौर संयुक्ता भाटिया ने उनका स्वागत और अगुवाई की. वहीं, मां अन्नपूर्णा के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ गई. 14 नवंबर यानी रविवार को यह मूर्ति अयोध्या से जौनपुर होते हुए बनारस पहुंचेगी. सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में मूर्ति को मंदिर में स्थापित किया जाएगा.
मां अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति शनिवार शाम को सड़क मार्ग से लखनऊ पहुंची. इस दौरान महापौर संयुक्ता भाटिया की मौजूदगी में सैकड़ों भक्त इसके स्वागत के लिए उमड़ पड़े. मां के जयकारे लगाए गए. शहर भर में जगह-जगह फूलों की बारिश के साथ स्वागत किया गया. भक्तों के साथ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता भी मौजूद रहे. महापौर ने जगह-जगह भक्तों को मां का प्रसाद बांटा. इस दौरान जिला प्रशासन की तरफ से भी कड़े इंतजाम किए गए थे.
अन्नपूर्णा देवी को मां जगदम्बा का ही एक रूप माना गया है, जिनसे सम्पूर्ण विश्व का संचालन होता है. कहा गया है कि कलियुग में सम्पूर्ण जगत मां अन्नपूर्णा के नियंत्रण में है. उनकी यह मूर्ति 18वीं शताब्दी की है. 1913 के करीब वाराणसी के एक मंदिर से यह चुरा ली गई थी. बाद में यह कनाडा पहुंच गई. उसके बाद से मूर्ति कनाडा की रेजिना यूनिवर्सिटी के मैकेंजी आर्ट गैलरी संग्रह का हिस्सा बन गई थी. पिछले साल ओटावा में यूनिवर्सिटी के कुलपति ने भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को यह मूर्ति सौंपी. इस मूर्ति को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) कनाडा से वापस लाया है.
ऐसे की जाएगी स्थापित
रविवार को एसडीएम पिंडरा माता की प्रतिमा का स्वागत पिंडरा में करेंगे. रात्रि विश्राम के बाद 15 नवंबर को माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा का नमो ब्राह्मण कराया जाएगा. इसके बाद यह प्रतिमा काशी विश्वनाथ धाम पहुंचेगी. यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में उन्हें पुनः स्थापित किया जाएगा. इसके बाद योगी यहां एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे.