लखनऊ: कोरोना वायरस के प्रभाव के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है. सरकार हर इंसान के लिए तो खाने-पीने के इंतजाम करने पर ध्यान दे रही है, लेकिन बेजुबानों की जान बिना खाने के कैसे बचेगी, शायद इस ओर किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा है. रेलवे स्टेशन पर बंदर अपनी जान बचाने के लिए घास खाने को मजबूर हैं. चूहों को पटरी पर कुछ भी खाने को नहीं मिल रहा तो श्वान भी इधर-उधर खाने के लिए भटक रहे हैं.
ये बेजुबान अपनी जान बचाने के लिए इन दिनों जद्दोजहद कर रहे हैं और किसी तरह गिन-गिनकर अपने दिन काट रहे हैं. इतना ही नहीं, इन बेजुबानों को खाना नहीं मिल रहा है तो वे आक्रामक हो रहे हैं. 6 और 7 नंबर प्लेटफार्म की तरफ जाने से अब कर्मचारी भी कतरा रहे हैं.
घास खाने को मजबूर हैं बंदर
चारबाग रेलवे स्टेशन पर आम दिनों में यात्रियों से खाने का सामान छीनकर या फिर यात्रियों द्वारा स्वेच्छा से खिलाए जाने पर बंदरों का पेट भर जाता था, लेकिन आजकल यह बंदर स्टेशन पर यात्रियों का आवागमन बंद होने से खाली पेट ही घूम रहे हैं.
लॉकडाउन के चलते स्टेशन पर जो खाने-पीने के स्टाल लगे हुए हैं, वह भी बंद हैं. ऐसे में खाना न मिलने के कारण बंदर इन स्टॉल्स में तोड़फोड़ कर रहे हैं. स्टेशन पर रखी वस्तुओं को तितर-बितर कर रहे हैं. कुछ नहीं मिल रहा है तो वह मजबूरी से घास खाकर किसी तरह जिंदगी काट रहे हैं. अभी 2 दिन पहले ही खाना न मिलने के चलते एक बंदर की मौत भी हो गई.