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पशुधन विभाग फर्जीवाड़े से जुड़े पर्यटन विभाग घोटाले के तार, आरोपियों से होगी पूछताछ

राजधानी लखनऊ में पशुधन में टेंडर दिलाने के नाम पर हुई ठगी की जांच के दौरान खुलासा हुआ कि पर्यटन विभाग में भी टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी हुई है. बताया जा रहा है कि दोनों मामलों में कई आरोपी एक ही हैं.

पशुधन विभाग ठगी से जुड़े हैं पर्यटन विभाग घोटाले के तार
पशुधन विभाग ठगी से जुड़े हैं पर्यटन विभाग घोटाले के तार

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Published : Oct 7, 2020, 12:37 PM IST

लखनऊ: पशुधन विभाग में टेंडर घोटाले की जांच के दौरान कुंभ के दौरान भी पर्यटन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी के आरोपियों के बीच कनेक्शन सामने आया है. अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार पशुधन घोटाले को अंजाम देने वाले कई आरोपी पर्यटन विभाग में कुंभ के दौरान हुए घोटाले में भी शामिल हैं. उमाशंकर तिवारी, धर्मदेव सिंह, लवकुश मिश्रा का नाम दोनों घोटालों में उजागर हुआ है.

सबसे पहले पशुधन विभाग में नमक सप्लाई के नाम पर ठगी, उसके बाद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में नमक सप्लाई के नाम पर ठगी और अब पर्यटन विभाग में फर्जी टेंडर निकालकर ठगी को अंजाम देने वाले आरोपियों के बीच कनेक्शन निकल कर सामने आ रहा है, जिसको लेकर लखनऊ पुलिस जांच कर रही है. पशुधन विभाग के नाम पर ठगी की जांच कर रही एसीपी श्वेता श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों विभाग में की गई ठगी के आरोपियों के कनेक्शन के बारे में जानकारी मिली है, जिसके आधार पर जांच की जा रही है. कई आरोपी दोनों ठगी के मामले में शामिल हैं.

संतोष मिश्रा को बीते दिनों एसटीएफ ने गिरफ्तार किया, जिससे पूछताछ के बाद कई खुलासे हुए हैं. वहीं दोनों ठगी में सचिवालय कर्मचारियों की भूमिका भी निकल के सामने आ रही है. पशुधन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर हुई ठगी के तहत सचिवालय के कर्मी उमेश के खिलाफ कोर्ट ने एनबीडब्ल्यू वारंट जारी किया है. वहीं अब लखनऊ पुलिस पर्यटन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर की गई ठगी के मामले में कई लोगों से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है.

वर्ष 2018 में पर्यटन विभाग में सप्लाई के नाम पर फर्जी टेंडर निकाले गए और इस फर्जी टेंडर के आधार पर करोड़ों की ठगी की गई. आरोपियों ने टेंडर निकाल कर डॉक्यूमेंट्री बनाने वाली कंपनी से ठगी की. कंपनी से दस लाख रुपये वसूले. साथ ही जालसाजों ने पर्यटन विभाग में 400 करोड़ का ठेका दिलाने के नाम पर दिल्ली के एक व्यापारी से 6 करोड़ रुपये कमीशन के तौर पर लिए थे.

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