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पिछड़ों के विकास की फाइलें लटकाने वाले हुए बेनकाब -अनिल राजभर - लखनऊ समाचार

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अपने कार्यालय में ईटीवी भारत के साथ अनिल राजभर ने बातचीत की. उन्होंने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं को जमीन पर उतरने से रोका गया. ऐसा प्रतीत होता है कि जानबूझकर लोगों को गुमराह किया गया और सरकार की ओर से लोगों को मिलने वाली मदद पर अंकुश लगाया गया.

अनिल राजभर ने लगाया पूर्व मंत्री पर पिछड़ों को गुमराह करने का आरोप.

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Published : Sep 12, 2019, 11:09 PM IST

लखनऊ: प्रदेश सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर पर पिछड़ों को गुमराह करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पिछड़ों के कल्याण के लिए जो लोग बजट का रोना रो रहे थे उनके कार्यकाल में 6 महीने से लेकर साल भर तक फाइलों पर फैसले लंबित रहे. आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं को जमीन पर उतरने से रोका गया.

अनिल राजभर ने लगाया पूर्व मंत्री पर पिछड़ों को गुमराह करने का आरोप.

पूर्व मंत्री पर पिछड़ों को गुमराह करने का लगाया आरोप

योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में कैबिनेट मंत्री बनने वाले अनिल राजभर को सरकार ने हालांकि पहले ही ओमप्रकाश राजभर का विभाग पूरी तरह सौंप दिया था लेकिन, अब कैबिनेट मंत्री बनाकर योगी सरकार ने साफ संकेत दे दिया है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में ओमप्रकाश राजभर का विकल्प अनिल राजभर होंगे. अपने कार्यालय में ईटीवी भारत के साथ बातचीत में अनिल राजभर ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा ने उन्हें पिछड़े और वंचित समाज के कल्याण का दायित्व सौंपा है. सरकार चाहती है कि जिन पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों को पिछले 70 साल के दौरान रोटी, कपड़ा, मकान जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पाई है उनका हक उन्हें दिलाया जाए. यही लक्ष्य है जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भी मिला है.

प्रशासन का आदेश तत्काल लागू की जाएं योजनाएं

पिछड़ा वर्ग कल्याण और दिव्यांगजन सशक्तिकरण के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर के बजट संकट संबंधी बयानों की ओर ध्यान आकृष्ट के जाने पर उन्होंने कहा की पैसे की कोई कमी योगी सरकार में नहीं है. मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री दोनों की ओर से स्पष्ट तौर पर निर्देश दिया गया है कि जो भी कल्याणकारी योजनाएं पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज के उत्थान के लिए आवश्यक में उन्हें बजट की चिंता किए बगैर तत्काल लागू किया जाए. उन्होंने कहा कि बतौर मंत्री काम करते हुए मेरा अनुभव थोड़ा हटकर है. मुझे ऐसी कई फाइलें मिले हैं जो महीने 2 महीने 3 महीने यहां तक कि 6 महीने और साल भर से मंत्री के अनुमोदन के लिए लंबित थी इस वजह से कई विकास और कल्याणकारी योजनाएं लोगों तक पहुंच नहीं सकीं. ऐसा प्रतीत होता है कि जानबूझकर लोगों को गुमराह किया गया और सरकार की ओर से लोगों को मिलने वाली मदद पर अंकुश लगाया गया.

भारतीय जनता पार्टी के साथ पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज को जोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह पूरा वर्ग भारतीय जनता पार्टी के साथ चट्टान की तरह अडिग खड़ा है. लोकसभा चुनाव के दौरान सभी लोगों ने यह देखा और महसूस भी किया है कि आने वाले विधानसभा के उपचुनाव में लोगों को एक बार फिर इस बात का यकीन हो जाएगा कि पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज का कल्याण भारतीय जनता पार्टी के साथ ही संभव है और यह समाज भी पूरी तरह भाजपामय हो चुका है.

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