लखनऊ:बुलियन कारोबार में लोगों के करोड़ों रुपये निवेश कराकर हड़पने के आरोपी अनी बुलियन के संतोष गुप्ता की जमानत अर्जी को अपर सत्र न्यायाधीश महेश कुमार कुशवाहा ने खारिज कर दिया है.
कोर्ट में सरकारी वकील दुष्यंत मिश्रा और अरुण पांडेय ने तर्क दिया कि वादी शिव कुमार ने पीजीआई थाने में 16 सितंबर 2020 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि अजीत कुमार गुप्ता ने अपने भाई सेवानिवृत्त वाणिज्य कर आयुक्त राम गोपाल गुप्ता और विदेश सेवा में उच्च पद पर रोम में कार्यरत पत्नी निहारिका सिंह के नाम का प्रयोग करके 2014 में अन्य साथियो संतोष गुप्ता, संदीप गुप्ता, अंजनी कुमार कौशल, विष्णु गुप्ता के साथ अनी बुलियन ट्रेडिंग व अनी बुलियन ट्रेडर्स नाम की संस्था बनाई.
कहा गया कि आरोपी ने वादी व अन्य लोगों को अनी बुलियन के जरिये बुलियन कारोबार, रियल एस्टेट व शेयर ट्रेडिंग में निवेश करके अच्छा लाभ देने का झांसा दिया और करोड़ों रुपये का निवेश कराया. आरोप है कि 2019 में मैच्यूरिटी का समय आने पर आरोपी ने निवेशित धन नहीं लौटाया और करोड़ों रुपये हड़प लिए.
आरोप है वादी ने झांसे में आकर आरोपी के सोने-चांदी के कारोबार में अपना धन निवेश किया. वहीं, अपने परिचितों का धन भी निवेश कराया. उक्त कंपनी व इसके मालिकों पर तमाम लोगों का सैकडों करोड़ रुपये हड़पने का आरोप है.