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कार्यकर्ताओं के साथ सहज व्यवहार से राजनाथ सिंह की चुनावी राह आसान - बीजेपी

लखनऊ लोकसभा सीट से देश के गृहमंत्री दोबारा चुनावी मैदान में हैं. उनके सामने कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी और समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी पूनम सिन्हा हैं तो वहीं कांग्रेस से आचार्य प्रमोद कृष्णम ताल ठोंक रहे हैं.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)

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Published : May 3, 2019, 7:19 PM IST

लखनऊ: चुनाव में राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों का कुछ प्लस तो कुछ माइनस होता है, लेकिन देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से दोबारा चुनाव मैदान में हैं और उनकी चुनावी राह आसान बनाने में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच उपलब्धता और उनका सहज व्यवहार काफी मददगार साबित हो रहा है.

जानकारी देते राजनीतिक विश्लेषक अमित पूरी

लखनऊ से दोबारा चुनावी मैदान में राजनाथ सिंह

  • लखनऊ से दोबारा चुनावी मैदान में उतरे गृहमंत्री राजनाथ सिंह का पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सीधा जुड़ाव रहा है.
  • पिछले पांच सालों में वह लखनऊ के साथ भी जुड़े रहे और महीने में कम से कम एक या दो बार उनका यहां आगमन होता रहा है.
  • लखनऊ के विकास कार्यों को लेकर भी राजनाथ सिंह ने दिलचस्पी दिखाने का काम किया है.
  • उनकी उपलब्धि और लखनऊ में उनकी उपलब्धता उनके चुनाव को आसान बनाने में काफी मददगार साबित हो रही है.
  • बीजेपी का बड़ा चेहरा होने के बावजूद राजनाथ सिंह पांच सालों में लखनऊ को अपना पूरा समय भी देते रहे हैं.
  • कहा जाता है कि बीजेपी भले ही हिंदुत्व के कार्ड को लेकर आगे बढ़ती हो, लेकिन राजनाथ सिंह का इस मामले में कुछ अलग नजरिया नजर आता है.
  • राजनाथ सिंह ने लखनऊ में न सिर्फ चुनाव प्रचार के दौरान बल्कि चुनाव से पहले भी पांच वर्षों में तमाम मुस्लिम धर्म गुरुओं और मौलानाओं से मेल मुलाकात कर चुके हैं.
  • राजनाथ सिंह अपनी सेक्युलर नेता के रूप में भी पहचान रखते हैं.
  • लखनऊ के विकास को लेकर भी राजनाथ सिंह ने दिलचस्पी दिखाई है.
  • उनके द्वारा लखनऊ में कई बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए गए, जो उनकी चुनावी राह को आसान बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं.


कहते हैं कि हर नेता का कुछ प्लस तो कुछ माइनस होता है, लेकिन राजनाथ सिंह की उपलब्धि और उपलब्धता उनके लिए प्लस ही है. जिस प्रकार से वह पिछले पांच वर्षों में कार्यकर्ताओं के बीच सहज रूप से उपलब्ध रहे और काम किया, उससे उनके लिए यह काफी मददगार साबित हो रहा है. वह क्षेत्र में बने रहे, जबकि वह देश के गृहमंत्री हैं. तमाम सारे लोगों के लिए लापता शब्द का प्रयोग किया जाता है, लेकिन पांच सालों में राजनाथ सिंह के साथ यह शब्द नहीं जुड़ा. वह निरंतर कार्यकर्ताओं के साथ मेल मुलाकात बनाए रखें.

-अमित पूरी, राजनीतिक विश्लेषक

राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं. बावजूद इसके वह लखनऊ में कार्यकर्ताओं के बीच हमेशा उपलब्ध रहे. कार्यकर्ताओं की उन तक सीधे पहुंच है. निश्चित तौर पर इसका उन्हें चुनाव में फायदा मिलेगा.

-समीर सिंह, प्रदेश प्रवक्ता, बीजेपी

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